न्याय के देव शनि 24 जनवरी को धनु राशि से अपनी ही राशि मकर में गोचर करेंगे. 11 मई 2020 से 29 सितंबर 2020 तक शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे. इसी वर्ष शनि 27 दिसंबर को अस्त भी हो जाएंगे, जिससे शनि के प्रभाव कुछ कम हो जाएंगे.
धनु और मकर राशि में पहले से ही शनि की साढ़े साती का प्रभाव चल रहा था. अब कुंभ राशि पर भी शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरु हो जाएगा. शनि मकर और कुंभ दो राशियों के स्वामी हैं. शनि की दो राशियों में से एक राशि मकर में शनि का गोचर होने जा रहा है और दूसरी राशि कुंभ शनि की अपनी राशि और मूल त्रिकोण राशि है. ज्योतिष की प्रमुख वेबसाइट Astrosage के जरिए जानते हैं कि शनि के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या असर होगा.
मेष राशि में शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी हो कर राशि से दशम भाव में ही गोचर करेगा. दशम भाव कर्म का भाव है और शनि भी कर्म के स्वामी हैं. इस गोचर में आपकी मेहनत और संघर्ष बहुत बढ़ जाएगा. नए काम के लिए सोच रहे हैं तो अप्रैल तक कर लें क्योंकि 11 मई से शनि के वक्री होने की वज़ह से नये काम में रुकावट आ सकती हैं और जिस लाभ की आशा कर रहे थे, वह भी समय से नहीं मिल पाएगा. सेहत के हिसाब से ये वर्ष मेष राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा. कोई त्वचा से जुड़ी बीमारी परेशान कर सकती है इसलिए लापरवाही न करें.
शनि के पराक्रम भाव में गोचर करने से मेष राशि वालों के अंदर उत्साह की कोई कमी नही रहेगी और किसी भी काम को आप बिना डरे करेंगे. माता-पिता का सहयोग पूर्ण रुप से बना रहेगा और आप उनके साथ धार्मिक यात्रा के लिए जा सकते हैं. घर से जुड़े किसी कार्य में धन का खर्च हो सकता है और आपका अपने घर का सपना भी इस शनि के गोचर में अवश्य सफल होगा.
उपाय: आपको महाराज दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और शनिवार के दिन संध्या काल में पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
शनि गोचर 2020 के अनुसार कर्क राशि में शनि सप्तम और अष्टम भाव का स्वामी हो कर कर्क राशि से सप्तम भाव में ही गोचर करेगा. इस वर्ष आलस को अपने से दूर ही रखें क्योंकि आलसी लोगों को शनि शुभ फल नहीं देते हैं. साल की शुरुआत में व्यापार से जुड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे, जो आप बीते वर्ष में नहीं ले पा रहे थे. विदेश से जुड़े भी ऐसे प्रोजेक्ट मिलेंगे जिससे आपको लाभ मिलेगा. संतान के स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखें और वाहन बेहद सावधानी से चलाना आवश्यक होगा.
कर्क राशि वालों का घर में किसी तरह की साज-सजावट पर धन खर्च हो सकता है जिसमें आपके परिवार वाले आपको पूर्ण रुप से सहयोग देंगे. साल के मध्य में अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें कोई पुरानी बीमारी परेशान कर सकती है. बिलकुल भी लापरवाही न भी बरतें. किसी से वाद-विवाद भी हो सकता हैं जिसको सुलझाने में आपका धन खर्च हो सकता है, सावधान रहने की जरूरत है.
उपाय: आपको प्रत्येक शनिवार को सरसों का तेल किसी लोहे अथवा मिट्टी के बर्तन में भरकर उसमें अपनी शक्ल देखकर छाया पात्र दान करना चाहिए तथा ग़रीबों की यथासंभव सहायता करनी चाहिए.
शनि गोचर 2020 में तुला राशि में शनि चतुर्थ और पंचम भाव का स्वामी हो कर तुला राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करेगा. तुला राशि वालों को इस वर्ष व्यापार में शनि नये अवसर देगा लेकिन किसी तरह का अहम आपके लिए नुकसान का कारण भी बन सकता है. अगर विदेश से जुड़े किसी प्रोजेक्ट का इंतजार कर रहे थे तो आपको उसके मिल जाने से लाभ की प्राप्ति होगी. किसी के कहने से कोई बड़ा निवेश न करें और न ही वर्ष के मध्य में भूमि में निवेश के बारे में सोचें.शनि के वक्री होने से तुला राशि वालों का अपनी माता से किसी तरह का मतभेद बना रहेगा. इस वजह से आपको मानसिक रुप से भी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है. इस वर्ष छोटी-छोटी यात्राओं का योग भी बना हुआ है और सितम्बर के बाद विदेश यात्रा का सपना भी सच होगा. किसी तरह का वाद-विवाद होता दिखाई दे तो आप समय रहते ही दूरी बना लें तो आपके लिए बेहतर रहेगा.
उपाय: आपको उत्तम गुणवत्ता वाला नीलम रत्न धारण करना चाहिए. यह रत्न पंचधातु अथवा अष्टधातु की अंगूठी में शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करना उत्तम रहेगा. इसके अतिरिक्त आप कटहैला रत्न भी धारण कर सकते हैं.