लखनऊ विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में विभिन्न स्कूली छात्रों को एक दिन का वैज्ञानिक बनने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो अलोक कुमार राय के मार्गदर्शन एवं निदेशक प्रो पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी, कार्यक्रम संयोजक द्वारा, उत्तर प्रदेश कॉउन्सिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नेशनल अकादमी ऑफ़ साइंस, इंडिया (NASI) लखनऊ चैप्टर एवं एक्सपीरियोंम की सहायता से किया गया है। इस कार्यक्रम का विषय “दवा की खोज एवं दवा बनाने के विभिन्न पहलुओं” पर केंद्रित था।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यातिथि कुलपति प्रो. अलोक कुमार राय, लखनऊ विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि प्रो पी.के. सेठ, पूर्व प्रबंधक बायोटेक पार्क लखनऊ, मुख्य व्यक्ता प्रो अलोक धवन, निदेशक, सीबीएमआर लखनऊ द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रोफेसर ए. के सिंह एवं आईपीएस के निदेशक प्रो. पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया।
प्रो. अलोक धवन ने अपने सम्बोधन में छात्रों को भविष्य में साइंस के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया। प्रो पी.के. सेठ ने निदेशक प्रो पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी को स्कूली छात्रों को विज्ञान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम के लिए सराहना की एवं व्यक्त किया कि “इस तरह विज्ञान का स्तर उत्तर प्रदेश में निश्चित तौर पर बढ़ेगा और शायद मेरी समझ में ये ऐसा पहला संस्थान हैं जो इस प्रकार का आयोजन कर रहा हैं। कुलपति महोदय ने छात्रों को विश्विद्यालय एवं संस्था की उपलब्धियों के बारे में बताया और साथ ही फार्मेसी संस्था की नवनिर्मित प्रयोगशालाओं के छात्रों को उपयोग के सम्बन्ध में विश्लेषित किया।
इस अवसर पर हर्बल एंटीवायरल एवं मॉस्क्वीटो रेपलेंट “रोल-ऑन” अतिथियों द्वारा लॉन्च किया गया। यह फार्मास्यूटिकल उत्पाद फार्मेसी संस्थान के अध्यापक डॉ. कवित रावल एवं डॉ. लुबना आज़मी द्वारा निदेशक प्रोo पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में बनाया गया है।
स्कूली छात्रों ने अध्यापक एवं अध्ययनरत छात्रों की मदद से स्वयं प्रयोगशाला में एक्सपेरिमेंट्स किये।
जिसमें एस्पिरिन दवा कि सिंथेसिस, बायोकैमिकल एनालिसिस, पेय जल कि शुद्धता एवं टेबलेट आदि की क्वालिटी परिक्षण के मापदंड कर के देखे। साथ ही छात्रों ने हर्बल एनाल्जेसिक, एंटीवायरल एवं मॉस्क्वीटो रेपेल्लेंट प्रोडक्ट बनाये, एवं हर्बल प्लांट से दवाएं एवं डीएनए का आइसोलेशन तथा उनकी शुद्धता की परिक्षण कर पुष्टि करी। स्कूली छात्रों ने ब्लड प्रेशर एवं ब्लड ग्रुप जैसे हिमेटोलोजिकल पैरामीटर का स्वयं परीक्षण कर के देखा और सीखा।
उपरोक्त कार्यक्रम में दस स्कूलों के कुल ग्यारवीं एवं बारहवीं के दो सौ छात्रों ने प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में आठ केंद्रीय विद्यालय, दो सीआरपीएफ एएमसी कैंट, बक्शी का तालाब, बीकेटी गवर्नमेंट इंटर कॉलेज तथा संजय गाँधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के छात्रों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश कॉउन्सिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, के सौजन्य से स्कूली छात्रों के लिए #टेलिस्कोप भी लगाया गया। इस बीच छात्रों ने टेलीस्कोप का उपयोग करके विभिन्न ग्रहों की स्थिति और स्थलीय अंतरिक्ष का दूरबीन दृश्य देखा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश कॉउन्सिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. यादव भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन डॉ जीएन सिंह सलाहकार मुख्यमंत्री एवं निदेशक यूपीसीएसटी द्वारा छात्रों को प्रमाण पत्र दे कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आकांक्षा मिश्रा एवं डॉ कवित रावल द्वारा किया गया।