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गूगल पर सर्च किया हत्या का तरीका, दिल्ली से खरीदे ग्लब्स और चाकू, फिर पत्नी को बेरहमी से मार डाला

बदायूं:  बदायूं के उझानी में अपनी पत्नी निदा की हत्या करने का आरोपी सरताज काफी समय से योजना बना रहा था। हत्या कैसे की जाए, इसके लिए वह गूगल में सर्च कर तरीके ढूंढ रहा था। गला दबाकर हत्या करना उसे आसान लगा। इसके लिए उसने दिल्ली से ग्लब्स व चाकू खरीदा। घटना के खुलासे के साथ ही पुलिस ने इन्हें भी बरामद कर लिया।सरताज ने पुलिस को बताया कि निदा ने उसे बेइज्जत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी। धमकी देती थी कि वह उसे व उसके परिवार वालों को जेल भिजवा देगी। उसके लिए बेहद गंदे शब्द प्रयोग करती थी। जबकि शादी के बाद तीन साल वह मायके में रही। उसके साथ महज पिछले एक साल से वह दिल्ली में रघुवीरनगर में रह रही थी। इतना ही नहीं उसके परिवार वाले भी उसे अपमानित करते थे।

तानों व रोजाना के लड़ाई झगड़ों से तंग आकर सरताज ने निदा की हत्या करने की ठान ली। इसके लिए उसने गूगल पर हत्या करने के तरीके ढूंढकर देखता था। वह पिछले कई दिनों से सर्च कर रहा था कि गला दबाकर हत्या कैसे की जाती है। तब उसे हाथाें से गला दबाकर मारने व चाकू से गला रेत कर मारने, दोनों तरीके पता चल गए। इसके बाद सरताज ने दिल्ली से ग्लब्स व स्टील का चाकू खरीदा।

सरताज ने निदा को बताया कि उसके मायके कासगंज में एक वैध इलाज करते हैं। पहले बदायूं अपने घर जाएगा, इसके बाद दोनों कासगंज चलेंगे। इस पर निदा यहां आने को तैयार हो गई। मंगलवार तड़के दोनों उझानी पहुंचे। सरताज ने पहले निदा का गला दबाया। वह बेहोश हो गई लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं। इस पर चाकू से दो बार उसका गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। लूट की घटना सही लगे इसके लिए उसने गुन्नौर के पास निदा के पर्स से मोबाइल निकालकर स्वीच ऑफ कर बस में ही छोड़ दिया।

रिश्ते की ममेरी बहन से किया था निकाह
निदा रिश्ते में सरताज की ममेरी बहन थी। सरताज की मां नगमा की पहल पर ही निदा के साथ चार साल पहले उसका निकाह हुआ था। निदा कासगंज के बुधारी कलां गांव की रहने वाली थी। वह अपने पिता की इकलौती बेटी थी। सरताज व निदा के बीच दहेज को लेकर भी मनमुटाव था। सरताज निदा से दहेज की मांग करता था।

इसी विवाद के कारण तीन साल निदा अपने मायके में रही। दोनों परिवार के बीच पुराना रिश्ता होने की वजह से निदा के पिता शफीक आलम ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज नहीं कराया। निदा के चचेरे भाई लईक अहमद ने बताया कि 23 दिन पहले ही सरताज बुधारी कलां से निदा को अपने साथ दिल्ली बुलाकर ले गया था। तीन साल से निदा मायके में ही रह रही थी।

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