- आठ और अस्पताल परिसर में अस्थाई अस्पताल बनाने को मंजूरी
- 6 अस्पतालों में 42 बेड और 2 अस्पतालों में होंगे 32 बेड की क्षमता
- पिछले माह 28 अस्पतालों में निर्माण की दी जा चुकी है स्वीकृति
- विशेषज्ञ मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग व सपोर्ट स्टाफ रहेंगे तैनात
पटना। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए प्री फैब फील्ड अस्पताल ( अस्थाई अस्पताल) की संख्या को बढ़ाने का फैसला किया है। पटना सिटी के गुरू गोविन्द सिंह सदर अस्पताल समेत सात अन्य जिलों के अस्पताल परिसर में भी अस्थाई अस्पताल का निर्माण किया जएगा। इनमें से छह अस्पतालों में 42- 42 और दो अस्पतालों में 32- 32 बेड होंगे। अस्थाई अस्पतालों में विशेषज्ञ मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग व सपोर्ट स्टाफ तैनात रहेंगे। इससे पहले भी गत माह कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए एम्स व पांच मेडिकल कालेज अस्पताल अस्पताल समेत कुल 28 अस्पतालों के परिसर में अस्थाई अस्पताल के निर्माण की मंजूरी दी गयी थी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पटना सिटी के गुरू गोविन्द सिंह सदर अस्पताल, जिला अस्पताल खगड़िया, जिला अस्पताल पूर्णिया, जिला अस्पताल नालंदा, जिला अस्पताल सहरसा, बेतिया मेडिकल कालेज अस्पताल में 42- 42 बेड और सदर अस्पताल भागलपुर तथा अनुग्रह नारायण स्मारक मेडिकल कालेज अस्पताल, गया में 32- 32 बेड की क्षमता के अस्थाई अस्पताल के निर्माण किए जाएंगे। इन अस्पतालों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निविदा आमंत्रित किए गए हैं।
बताते चलें कि इससे पहले एम्स, एनएमसीएच, वीम्स, डीएमसीएच, एएनएमसीएच, जेएलएनएमसीएच, पूर्णिया, सदर अस्पताल सहरसा, पूर्वी चंपारण, मुंगेर और सारण जिले के सोनपुर सब डिवीज़न अस्पताल, औरंगाबाद जिले के जमुहर, भोजपुर के मानसिक रोग अस्पताल के परिसर में 100- 100 बेड की क्षमता का अस्थाई अस्पताल के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। बेगूसराय के तेघड़ा, भागलपुर के नवगछिया, गोपालगंज के हथुआ, पश्चिम चंपारण के बगहा, भोजपुर के जगदीशपुर, सिवान के महराजगंज, कटिहार के बारसोई और समस्तीपुर जिला के दलसिंसराय के अनुमंडलीय अस्पताल, नवादा के जिला अस्पताल, कैमूर के रामपुर और मधुबनी के रहिका स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एवं जहानाबाद के मखदुमपुर, सुपौल के राघोपुर और वैशाली के लालगंज स्थित रेफरल अस्पताल में 50-50 बेड की क्षमता के अस्थाई अस्पताल के निर्मण की मंजूरी दी जा चुकी है
। कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में 2366 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था हो जाएगी। इस अस्थाई अस्पताल में ऑक्सीजन से लेकर दवाएं उपलब्ध रहेंगी, ताकि यहां भर्ती होने वाले मरीजों और उनके परिजनों को दवाओं के अभाव में कहीं और भटकना ना पड़े। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर अन्य अस्पताल के परिसर में भी अस्थाई अस्पताल बनाये जाएंगे।