साल 2000 की एक सर्द दोपहर में मेरी मुलाकात दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट में चायवाले से हुई। उनकी चाय और बिस्कुट की मामूली दुकान थी। उनकी मदद के लिए एक और आदमी भी साथ था। जैसे ही मैंने चाय मांगी थी, उन्होंने सहायक से चाय परोसने के लिए कहा क्योंकि उन्हें पैसे जमा करने के लिए पास के डाकघर में जाना था। पैसे जमा करने की उनकी जल्दबाजी ने मुझे अचंभे में डाल दिया। चाय खत्म होने के काफी देर बाद तक भी मैं अपने उस मित्र की झुंझलाहट के बारे में सोचता रहा, जो ठंडी दोपहर में समय बर्बाद करने के लिए मेरे साथ आया था।
सुनील कुमार नौकर के रूप में वहां काम कर रहे थे। वह अपने वेतन से संतुष्ट नहीं थे और आय बढ़ाने के तरीकों की तलाश में थे। फिर किस्मत ने कुछ ऐसा खेल खेला कि दुकान मािलक बीमार पड़ गया। 24 साल के सुनील ने सोचा कि जब तक मालिक वापस नहीं आ जाता, तब तक चाय बेचने में हाथ आजमा लेना चाहिए। हालांकि, चाय दुकान का असली मालिक कभी नहीं लौटा और न ही उसका कोई संबंधी आया। यह सुनील के लिए जीवन बदलने वाली घटना की शुरुआत थी। कुछ ही दिनों में उन्हें एहसास हुआ कि अपनी थोड़ी सी और कोशिश कर वह दुकान में एक कर्मचारी के रूप में जितना कमाते हैं, उससे अधिक कमा सकते हैं। लेकिन, उन्होंने जो दिलचस्प काम किया वह डाकघर बचत खाते में हर दिन 50 रुपये जमा करना था। मैंने जान लिया कि यह उनका एक बुद्धिमानी भरा कदम था। मैंने उनसेे उनकी बचत की आदतों के बारे में जांच-पड़ताल करनी शुरू कर दी।
समझें 72 का नियम
पिछले कुछ वर्षों में सुनील के व्यवसाय में तेजी आई। वह अब भी केवीपी में पैसा लगाना जारी रखे हुए हैं। उनका तर्क है कि पैसा दोगुना करना आसानी से समझ में आने वाली योजना है। वित्तीय दुनिया में “72 का नियम” यह बताता है कि किसी वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज दर पर आपके पैसे को दोगुना करने में कितने वर्ष लगेंगे। यह जानने के लिए, आपको बस 72 को मिलने वाले रिटर्न से विभाजित करना होगा। मतलब यह है कि अगर निवेश से आपको हर साल 10 फीसदी का चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, तो निवेश को दोगुना करने में 72/10=7.2 वर्ष लगेंगे। यह वास्तव में एकदम सटीक है। केवीपी के मामले में, वर्षों से ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसका मतलब, जमा राशि को दोगुना करने की अवधि 24 साल पूर्व के छह साल से बढ़कर अब लगभग 10 साल हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में, सुनील ने केवीपी मेंे निवेश की रफ्तार बढ़ा दी है और उनकी कई शुरुआती जमाएं परिवपक्व हो गई हैं, जिन्हें फिर से निवेश कर देते हैं।
हर माह बचत की जरूर डालें आदत
जिस समय सुनील से मेरी पहली मुलाकात हुई थी उस समय किसान विकास पत्र (केवीपी) में 6 साल में पैसा दोगुना हुआ करता था। अब इसमें लगभग 10 साल लग जाते हैं। इस पर मिलने वाली ब्याज दर में काफी गिरावट आई है। लेकिन, इसकी सरलता अब भी बनी हुई है। सुनील ने बचत राशि में से हर दिन 50 रुपये जमा करना शुरू कर दिया था, क्योंकि इस तरह वह केवीपी खरीदने के लिए हर महीने बचत करते थे, जिसमें न्यूनतम जमा राशि 1,000 रुपये होती थी। यह बताता है कि भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपनी कमाई से हर महीने बचत की आदत जरूर डालनी चाहिए।
सेवानिवृत्ति के लिए कम उम्र से ही करें तैयारी
सुनील अब 50 वर्ष के हैं। हर सप्ताह अपना केवीपी भुना लेते हैं, जो 6,000 रुपये से 8,000 रुपये के बीच होता है। वह न केवल इस राशि को फिर से निवेश करते हैं, बल्कि उसमें कुछ नया जोड़ भी देते हैं। वह अपने बुढ़ापे के लिए एक पेंशन बनाने में कामयाब हो रहे हैं, जो कमाई बंद होने के बाद उनकी जरूरतों का ख्याल रख सकती है। जमा राशि परिपक्व होती रहेगी और उनके पास एक स्थिर आय आती रहेगी, जो उनके साप्ताहिक खर्चों से अधिक होगी। जब कम उम्र में अपनी सेवानिवृत्ति के लिए पैसे बचाने की बात आती है तो हमें सुनील जैसे और लोगों की जरूरत महसूस होती है।