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KMCBU द्वारा गोद लिए गए गांव Rahoda Purva में NSS का सात दिवसीय विशेष शिविर संपन्न

लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव Rahoda Purva में कुलपति प्रो जेपी पांडेय (VC Pro JP Pandey) के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई (National Service Scheme) का सात दिवसीय विशेष शिविर (Special Camp) संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव में हर वर्ष राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विशेष शिविर का आयोजन किया जाता रहा है। इस बार रहौडा पुरवा गांव में 24 फरवरी से 2 मार्च तक सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया । विशेष शिविर के माध्यम से NSS Volunteers ने न केवल गोद लिए गए गांव के लोगों की समस्याओं को जाना और लोगों को इन समस्याओं के समाधान के बारे में सुझाव दिया।

इस अवसर पर डॉ मुनव्वर हुसैन ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि ये विशेष शिविर छात्रों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इस शिविर के माध्यम से समाज के प्रति जिम्मेदारियों को समझने की क्षमता जागृत होती है। उन्होंने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवक बनना अनिवार्य रूप से अपने भीतर छिपी जिम्मेदारियों के सार को पहचानना है, जो समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना किस प्रकार व्यक्तित्व विकास में सहायक है तथा समाज सेवा की भावना को जागृत करती है।

इस अवसर पर डॉ मूसी रज़ा ने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों को शिविर में सीखी गई बातों को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए, जिससे उनका जीवन और अधिक उज्ज्वल होगा। उन्होंने कहा कि यह योजना युवा छात्र एवं छात्राओं को विभिन्न सार्वजनिक सेवा गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में भाग लेने एवं मार्गदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है। उन्हें सक्षम सामाजिक सदस्य बनने एवं कुशल बनाने में भी मदद करती है। उन्होंने कहा कि सभी स्वयंसेवकों को इस शिविर में सीखी गई बातों एवं इससे प्राप्त अनुभव को अपने विश्वविद्यालय के बाकी छात्रों के साथ साझा करना चाहिए ताकि उनमें सामाजिक कार्यों के प्रति जागरूकता एवं रुचि पैदा हो सके।

Khwaja Muinuddin Chishti Language University: निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

 

विशेष शिविर के पहले दिन स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत स्वयंसेवकों ने ग्रामीणों से बातचीत करते हुए उन्हें बताया कि किस तरह बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा गोद लिए गए गांव में विभिन्न विषयों जैसे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”, मतदाता जागरूकता, नशा मुक्ति, स्वच्छता और सफाई तथा समाज के प्रति जागरूकता लाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए और एक रैली भी निकाली गई। इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इन सभी कार्यक्रमों में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस सात दिवसीय विशेष शिविर में 50 स्वयंसेवक मौजूद थे।

इस शिविर के अंत में स्वयंसेवकों ने अपने अनुभव प्रस्तुत किए और कहा कि हमने इससे बहुत कुछ सीखा है और हम इसे अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करेंगे। अंत में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ज़फरून नकी ने अतिथियों का धन्यवाद किया और स्वयंसेवकों को बधाई दी और कहा कि आप लोगों ने इस विशेष सात दिवसीय शिविर में जीवन और समाज के बारे में बहुत कुछ सीखा है और मुझे उम्मीद है कि आप इसे अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करेंगे।

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