Delhi सरकार के विभिन्न विभागों और उसके कुप्रबंधन और अनियमितताओं के विषय में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली में चल रही सभी गड़बड़ियों का जिक्र किया गया है। वर्ष 2016-17 की यह रिपोर्ट उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को विधानसभा में पेश किया। रिपोर्ट देख दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा की दोषियों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।
CAG की रिपोर्ट देख हैरान हुए Delhi के CM
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने इस रिपोर्ट में Delhi परिवहन सेवा, स्वच्छ भारत मिशन, शिक्षा के क्षेत्र में और राशन वितरण से जुडे कई विभागों में अनियमिताओं का खुलासा किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि नियंत्रक महालेखापरीक्षक द्वारा बताए गए भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामलों की कड़ाई से जांच होगी। उन्होंने कहा की जो भी इस मामले में दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।
ब्लड बैंक ,शौचालय जैसे तमाम योजनाएँ सिर्फ कागजो पर
दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 40.31 करोड़ रुपये का बजट होने के बावजूद पिछले ढाई सालों में दिल्ली में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया। इसका कोई मैप भी नहीं तैयार किया गया है। वहीँ अगर बात ब्लड बैंक की करें तो यहां मौजूद 68 ब्लड बैंकों में से 32 के पास वैध लाइसेंस नहीं हैं। कई सारे ब्लड बैंक तो ऐसे हैं जिनमे दान में मिले ब्लड की जांच भी करने की व्यवस्था नहीं है। वन विभाग का भी वृक्षारोपण का अपना लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
रिपोर्ट में निकली बहुत सारी अव्यवस्थाएँ
- कैग रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली परिवहन निगम की 2682 बसें बगैर इंश्योरेंस के सड़को पर दौड़ रही हैं।
- दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड यानी कि डीटीएल की लापरवाही से राजस्व के नुकसान की बात सामने आई है।
- ग्रिड लगाने को लेकर भूमि खरीद के लिए डीडीए को 11.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, लेकिन ग्रिड आज तक नहीं लगी। वहीं दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड यानी कि डीपीसीएल को 60 करोड़ रुपये का दंड चुकाना पड़ा।
- केजरीवाल का कहना है कि राशन की होम डिलीवरी मामलों की जांच जरूरी है। राशन वितरण केंद्रों पर राशन की ढुलाई के लिए बस, तिपहिया वाहन, मोटर साइकिल और स्कूटर का इस्तेमाल किया गया। यह भी सवाल उठता है कि राशन बांटा गया या नहीं या फिर ढुलाई के फर्जी आंकड़े दिखाए गए हैं। इस योजना पर फिर से विचार-विमर्श करना होगा।