Breaking News

सड़क हादसे में मरे-बचे मजदूरों के साथ योगी के ‘कर्मवीरों’ के शर्मसार कृत्य पर सियासत परवान चढ़ी

किसी का चाल-चरित्र और चेहरा आसानी से नहीं बदल जाता है। हाँ, कुछ लोग थोड़े-बहुत समय तक छलावा करके सामने वाले को भ्रमित जरूर कर सकते हैं, लेकिन झूठ के पांव नहीं होते हैं। झूठ हमेशा नहीं टिका रहता है। यह बात उत्तर प्रदेश की सरकारी मशीनरी वैसे तो कई बार साबित कर चुकी हैं, लेकिन कोरोना महामारी फैलने के बाद जिस तरह की खबरें आ रही थीं, उससे लग रहा था कि यूपी में सरकारी मशीनरी काफी बदल गई है,यूपी के कर्मचारी कर्मवीरों हो गए हैं। इस कर्मवीरों के लिए कहीं थाली तो कहीं थाली बज रही थी, जमीन से लेकर आसमान तक से इनके अमूल्य योगदान के लिए पुष्प वर्षा की जा रही थी, लेकिन कर्मवीरों की हकीकत तब तार-तार हो गई जब उत्तर प्रदेश के जिला औरैया हादसे में मारे गए मजदूरों के शवों के साथ हादसे में शेष बचे और घायल मजदूरों को एक ही ट्रक में उनके गृह राज्य झारखंड के लिए रवाना किया जाने लगा। अमानवीयता की हदें पार करने वालों के खिलाफ योगी सरकार क्या एक्शन लेगी, यह तो बाद की बात है,लेकिन मानवता जरूर शर्मसार हो गई। मजदूरों के साथ अमानवीयत कृत्य की भनक जब झारखंड के सीएम को लगी तो उन्होंने ट्वीट करके योगी सरकार से नाराजगी जताई, तब जाकर स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। उत्तर प्रदेश के हुक्मरानों की इस अमानवीयता पर यूपी में राजनीति तेज हो गई है। इस पूरे मामले पर यूपी के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जांच की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष की त्योरियां चढ़ी हुई हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि सीएम के निर्देशों का ध्यान ही नहीं रखा जा रहा है।

मायावती ने ट्वीट कर इस घटना को अमानवीय बताया। उन्होंने लिखा, ‘औरैया, यूपी की भीषण दुर्घटना में मारे गए मजदूरों और घायलों को इकट्ठा ट्रक में भरकर उनके घर भेजने की हृदयहीनता पर उभरा जन आक्रोश उचित ही है। इससे साबित होता है कि सीएम के निर्देशों को गंभीरता और संवेदनशीलता से नहीं लिया जा रहा है। अति-दुःखद!! दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।’ माया ने आगे लिखा, ‘इतना ही नहीं बल्कि देश में अभी भी हर जगह लाखों गरीब प्रवासी मजदूर परिवारों की बर्बादी, बदहाली और भूख-प्यास के दृश्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। खासकर ऐसे महाविपदा के समय में इन लोगों पर पुलिस और प्रशासन की बर्बरता को रोकना केन्द्र-राज्य सरकारों के लिए बहुत जरूरी है।’

बता दें कि औरैया सड़क हादसे के शिकार मजदूरों के शवों को ट्रकों में भरकर झारखंड भेजा रहा था। यही नहीं उसी ट्रक पर शवों के साथ घायल मजदूरों को भी बिठा दिया गया था। झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने इस मामले पर ट्वीट किया और तब जाकर यूपी प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में शवों को शव वाहन में शिफ्ट किया गया। ट्रकों को प्रयागराज में दिल्ली-हावड़ा नैशनल हाइवे पर रोका गया। बताया जा रहा है कि बोकारो जा रहे जिस ट्रक पर आठ शवों के साथ मजदूरों को बिठाए जाने की तस्वीर झारखंड सीएम ने ट्वीट की थी उसे भी बाकी ट्रकों के साथ एनएच-2 पर रोका गया। पूरे हाइवे को छावनी में तब्दील कर दिया गया और एक तरफ के रास्ते के ब्लॉक कर दिया गया था। यहां करीब 5 घंटे तक ट्रक खड़े रहे जिसके बाद वहां ऐंबुलेंस पहुंची और शव वाहन पहुंचे। शवों को उसमें शिफ्ट करके भेजा गया। एक ट्रक के ड्राइवर ने बताया कि शवों से इतनी तेज दुर्गंध आ रही थी कि आगे भी बैठना मुश्किल हो रहा था। बताया जा रहा कि करीब 17 शवों को 3 ट्रकों में भरकर झारखंड के बोकारे और पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा था। इनमें से 12 शव झारखंड भेजे जाने थे।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने औरया में मजदूरों की मौत को हत्या करार दिया है। अखिलेश यादव लगातार मजदूरों के पैदल, साइकल और कठिनाइयों का सामना करते हुए घर वापसी पर लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने पंजाब से बिहार लौट रहे मजदूरों के साथ यूपी में हुए हादसे पर भी दुख जताया था। साथ ही उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए थे। अखिलेश ने पूछा था कि गरीब मजदूरों की जिंदगी इतनी सस्ती क्यों है, उन्हें वंदे भारत मिशन से क्यों नहीं लाया जा सकता? अखिलेश यादव लगातार केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इससे पहले उन्होंने लिखा था ,‘पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा…अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार…ऐ बाबू कोई भला कैसे करे एतबार…अब लोग यह नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं बल्कि यह पूछ रहे हैं उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं।’

रिपोर्ट-अजय कुमार

About Samar Saleel

Check Also

आज का राशिफल: 29 मार्च 2024

मेष राशि:  आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। आप इधर-उधर समय व्यर्थ ...