भारतीय उच्चायोग ने कहा कि भारत और मालदीव के विशेष संबंधों का आधार दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्य हैं। मालदीव के साथ भारत संसदीय संबंधों को भी मजबूत करना चाहता हूं। भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर ने गुरुवार को मालदीव संसद के स्पीकर अब्दुल रहीम अब्दुल्ला से शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने मुलाकात के दौरान भारत और मालदीव के संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
इससे पहले महावर ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को बढ़ावा देने और द्विपक्षीय सहयोग की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। इस दौरान दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता के साथ काम करने पर सहमति जताई थी।
पिछले साल नवंबर में मालदीव में चीन की तरफ झुकाव वाले मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-मालदीव के बीच तनाव हो गया था। इस दौरान मुइज्जू ने भारत से विमान प्लेटफार्म का संचालन करने वाले 90 भारतीय सैनिकों को वापस लेने के लिए कहा था। इसके बाद 10 मई को भारत ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। इसके बदले भारत ने मालदीव को डोर्नियर एयरलाइन और दो हेलीकॉप्टर समेत कुछ नागरिक कर्मी भेजे थे। बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति ने हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था।
भारत ने की मालदीव के बजट में की कटौती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के 770 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल मालदीव के विकास सहायता मद में सिर्फ 400 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह पिछली बार के मुकाबले सिर्फ 52 फीसदी है यानी मालदीव की मदद में 48 फीसदी कटौती कर दी गई। मालदीव और भारत के बीच राजनयिक संबंध इस साल जनवरी की शुरुआत में तनावपूर्ण हो गए थे। दोनों देशों के बीच विवाद उस समय पैदा हुआ, जब मालदीव के कुछ सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के दौरान अपमानजनक टिप्पणी की। हालांकि, बाद में इन सांसदों को निलंबित भी किया गया।