चीन और पाकिस्तान ने कसम खाई कि वे विरोधियों से सीपीईसी कॉरिडोर की रक्षा करेंगे। पाकिस्तान ने चीन को आश्वस्त किया है कि वे परियोजना में काम कर रहे चीनी कर्मियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेंगे। दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान शुक्रवार को उन्होंने चीनी प्रधानमंत्री ली-कियांग से मुलाकात की। बता दें, शरीफ चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के निमंत्रण पर चीन की यात्रा पर हैं। यहां वे 65 अरब डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कॉरिडोर चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का प्रमुख हिस्सा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि शरीफ और कियांग ने सीपीईसी के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में ग्वादर के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बलूचिस्तान के ग्वादर को एक क्षेत्रीय आर्थिक केंद्र में बदलने के लिए सभी संबंधित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की। बयान में आगे कहा गया कि दोनों नेताओं ने सीपीईसी को उसके विरोधियों से भी बचाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने एक-दूसरे के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कियांग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान के चुनाव पर प्रधानमंत्री शरीफ को बधाई दी।
सीपीईसी कॉरिडोर का भारत करता है विरोध
सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। भारत इसका विरोध कर रहा है क्योंकि इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के माध्यम से बनाया जा रहा है। सीपीईसी को लेकर एक बार जयशंकर ने कहा था कि मुझे लगता है कि तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर एससीओ की बैठक में एक बार नहीं बल्कि दो बार यह बहुत स्पष्ट कर दिया गया था कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन कनेक्टिविटी किसी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती है।