आज बाला साहेब ठाकरे की जयंती है। इस मौके पर उनके बेटे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बड़ा ऐलान किया है। संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की पार्टी से अपनी पार्टी (उद्धव बालासाहेब शिवसेना) के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है।
उद्धव ठाकरे का यह कदम बीएमसी निकाय चुनाव से ठीक पहले किया गया है। उद्धव की यह घोषणा चुनाव को बेहद दिलचस्प और रोचक करने वाली है। उद्धव ने कहा कि निकाय चुनाव में उनकी पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ चुनाव लड़ेगी।
गठबंधन की घोषणा करते हुए ठाकरे ने कहा, “आज 23 जनवरी को बालासाहेब ठाकरे की जयंती है। मैं संतुष्ट और खुश हूं कि महाराष्ट्र के कई लोग चाहते थे कि हम साथ आएं। प्रकाश आंबेडकर और मैं आज यहां गठबंधन बनाने के लिए आए हैं।” उन्होंने कहा, “मेरे दादा और प्रकाश आंबेडकर के दादा सहकर्मी थे और उन्होंने उस समय सामाजिक मुद्दों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। ठाकरे और आंबेडकर का इतिहास रहा है। अब उनकी आने वाली पीढ़ियां देश के मौजूदा मुद्दों पर लड़ने के लिए यहां हैं।”
इस मौके पर प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि गठबंधन देश में “नई राजनीति की शुरुआत” का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हम सामाजिक मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करते रहे हैं। हम सामाजिक मुद्दों पर जीतते हैं या नहीं यह मतदाताओं के हाथ में है, लेकिन ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने के लिए सीट देना राजनीतिक दलों के हाथ में है।” आंबेडकर ने कहा, “अभी तक, यह केवल हम दोनों हैं। कांग्रेस ने अभी तक गठबंधन को स्वीकार नहीं किया है। मुझे उम्मीद है कि शरद पवार भी गठबंधन में शामिल होंगे।”
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए) के साथ गठबंधन की घोषणा की। उद्धव का यह कदम बीएमसी निकाय चुनावों से पहले तैयारियों को लेकर समझा जा सकता है। पिछले साल शिवसेना के विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे के लिए यह पहला बड़ा चुनाव है। जानकारी के अनुसार, गठबंधन के मसले पर उद्धव ठाकरे संविधान का मसौदा तैयार करने वाले भीम राव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर के साथ दो महीने से अधिक समय से बातचीत कर रहे थे।