राम-कृष्ण की पूजा ना करने की शपथ दिलाने की वजह से मंत्री की कुर्सी गंवा चुके आम आदमी पार्टी (आप) राजेंद्र पाल गौतम ने अब रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। गौतम ने रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बताने वाले बिहार के मंत्री चंद्रशेखर का समर्थन किया है।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो राजस्थान के अजमेर में हुए एक कार्यक्रम का है। वायरल वीडियो में राजेंद्र पाल गौतम कहते हैं, कई सारे टीवी चैनल पर डिबेट चल रही थी। वह कह रहे थे कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी ने जो मनुस्मृति को लेकर, रामचरितमानस को लेकर जो अपने उद्गगार व्यक्त किए, इस वजह से पूरे देश का मीडिया पीछे पड़ गया। मैं पूछना चाहता हूं डॉ. चंद्रशेखर ने गलत क्या कहा? अपनी मर्जी से क्या कहा? जो मनु स्मृति में लिखा है, रामचरितमानस में लिखा है, उन्होंने यही तो कहा कि जो लिखा है वह गलत है, वह स्त्री और दलित विरोधी है। क्या हम सबको डॉ. चंद्रशेखर के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए। क्या देश के अंदर समतावादी और मानवतापसंद लोगों को आंख मिचकर अंधे लोगों का अनुसरण करना चाहिए?’
गौतम आगे कहते हैं, ‘क्या रामचरित मानस में लिखा नहीं है किढोल गंवार शुद्र पशु नारी,ये सब ताड़ना के अधिकारी, वो वाख्या कर रहे हैं कि ताड़न का मतलब है देखना, जबकि उसमें क्लियर ताड़न का मतलब है पीटना, और यदि देखना अर्थ है तो क्या नारी को घूरना चाहिए, क्या पीटना चाहिए? आपके धर्म शास्त्र हमें इंसान का दर्जा देने को तैयार नहीं है। तुम्हारी आस्था आस्था है, तुम तो कह रहे हो कि हमारी आस्था को ठेस पहुंच रही है। हमारी तो बहन बेटियों की रोज इज्जत लुट रही है, हमारे युवाओं को मारा जा रहा है, बस्तियां जलाईं जा रही हैं।’
दिल्ली सरकार के मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम का एक वीडियो गुजरात चुनाव से पहले भी वायरल हुआ था, जिसमें वह बौद्ध दीक्षा ले रहे लोगों को राम-कृष्ण की पूजा ना करने की शपथ दिला रहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ‘आप’ पर हमलावर हो गई थी। चुनाव में नुकसान की आशंका को देखते हुए गौतम को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने गौतम का एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वह कथित तौर पर 2025 तक 10 करोड़ हिंदुओं को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलवाने का लक्ष्य बताते दिख रहे हैं।
आप नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि, हिन्दुस्तान इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो में गौतम को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि चंद्रशेखर ने जो कहा है उसमें गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति और रामचरितमानस में जो शब्द लिखे हैं वे स्त्री और दलित विरोधी हैं।