मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए सख्त देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद अधिकारियों को लोगों को घरों से बाहर निकलने से रोकने के लिए काफी मशक्कोत करनी पड़ रही है। जहां कुछ लोग केवल आवश्यक काम से घरों से बाहर निकल रहे हैं वहीं कई ऐसे हैं जो घर पर लंबे समय तक रहने से ऊब कर बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों की मदद करने के लिए शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म VMate ने, जो दुनिया भर सबसे ज़्यादा डाउनलोड किए जाने वाले सोशल मीडिया ऐप में से एक है, एक रोचक और इनोवेटिव #21DaysChallenge ले कर आया है, जो लोगों को उनके घरों में व्यस्त रहने में सहायता करेगा।
इस अभियान के तहत, लॉकडाउन के दौरान हर दिन यूज़र्स को एक नई चुनौती दी जाएगी। यूज़र्स को उसी पर वीडियो बनाकर उसे प्लेटफार्म पर साझा करना होगा। उदाहरण के लिए, पहले दिन यूज़र्स को ऐप पर दिए कोरोनोवायरस से जुड़े स्टिकर्स का इस्तेमाल कर दिलचस्प वीडियो बनाने के लिए कहा गया और अगले दिन उन्हें एक ट्रिक करके दिखाने को कहा गया जिसमें उन्हें ताश या गिलासों से बने घर के नीचे से कपड़े का एक टुकड़ा खींचना था। चुनौती को एक कदम आगे ले जाते हुए यूज़र्स को अपने हाथों का इस्तेमाल किए बिना गिलास से पानी पीने के दौरान खुद को फिल्माने के लिए कहा गया। क्रीएटर्स को 14 अप्रैल तक हर रोज इसी तरह की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए कहा जाएगा।
एक दिलचस्प बात यह भी है कि प्रत्येक चुनौती के तहत यूज़र्स को पुरस्कार के रूप में पैसे दिए जाते हैं। VMate ने ऐप में एक H5 पेज भी बनाया है जहां क्रिएटर्स के बेहतरीन वीडियो दिखाए जाते हैं। पेज में ऐसे टॉप यूज़र्स की रैंकिंग भी है जिनके वीडियो को प्लेटफार्म पर अधिकतम प्रतिक्रिया मिली है।
#21DaysChallenge के पीछे का संदेश पूरी तरह साफ है। इसका मकसद लोगों को उनके खाली समय को बिताने में मदद करना है। इस लॉकडाउन के दौरान, हमें घबराने या शिकायत करने से बचना चाहिए और इसके बजाय एक दूसरे से दूरी बनाए रखने और रचनात्मक गतिविधियों में खुद को लगाकर मिले समय का इस्तेमाल करना चाहिए।
महामारी के फैलने के बाद से VMate एक ज़िम्मेदार और बेहतरीन प्लेटफार्म के रूप में उभरा है। हाल ही में कई डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों ने यूज़र्स के बीच जागरूकता फैलाने और कोविड-19 से जुड़ी प्रामाणिक जानकारी देने के लिए इस शॉर्ट वीडियो ऐप का सहारा लिया। इसके अलावा देश के अंदरूनी इलाकों में यूज़र्स ने यह दिखाने के लिए भी प्लेटफार्म का सहारा लिया कि ग्रामीण भारत कैसे खतरनाक वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। ऐप पर साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया कि कैसे अधिकारी साइकिल और ऑटोरिक्शा पर लाउडस्पीकर लगाने जैसे अपरंपरागत माध्यमों से सूचनाओं का प्रसार कर रहे थे।
जबकि शहरी इलाकों में लोग नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं पर भरोसा कर रहे हैं वहीं छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में लोगों को ट्रेंडिंग शॉर्ट वीडियो ऐप VMate, जिसे अक्सर ‘ग्रामीण भारत का टिकटॉक’ कहा जाता है, के रूप में अच्छा साथी मिल गया है।