सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी करार कांग्रेस नेता रहे सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। फिलहाल सज्जन कुमार को जेल में ही रहना होगा। इसके साथ ही जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया। एम्स को सज्जन कुमार के स्वास्थ्य की जांच के लिए बोर्ड के गठन का आदेश दिया गया है। चार हफ्ते में बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देनी है।
आपको बता दें, सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार की ओर से कहा गया जेल में उनका वजन 8-9 किलो घट गया है। लेकिन जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि वजन घटने का मतलब ये नहीं है कि कोई बीमारी हो। दरअसल सज्जन कुमार ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत मांगी थी। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई जून 2020 के लिए सूचीबद्ध की थी। जिसमें सज्जन कुमार ने जल्द सुनवाई की अर्जी लगाई थी। 1984 के सिख विरोधी दंगों के दिल्ली कैंट मामले में सज्जन कुमार उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली एक पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाड़े के उस कथन का संज्ञान लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कुमार की जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए। कुमार के वकील ने जमानत की अर्जी सुनवाई के लिए शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था तो पीठ ने कहा ‘हम इस पर गौर करेंगे’
सज्जन कुमार ने सिख विरोधी दंगों से संबंधित मामले में उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाने के उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे रखी है। कांग्रेस के पूर्व नेता ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि उनकी अपील लंबित रहने के दौरान उन्हें जमानत दी जाये। उच्च न्यायालय से दोषी ठहराए जाने के बाद कुमार (73) ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
कुमार को 1984 में एक-दो नवंबर को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के राज नगर एक में सिख समुदाय के पांच लोगों की हत्या और राजनगर दो में एक गुरुद्वारे को जलाए जाने के मामले में दोषी ठहराया गया था।