राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल अनेक अवसरों को समाज सेवा से जोड़कर प्रेरणा दायक बना देती है। राजभवन में एलआईसी द्वारा बीमा योद्धा सम्मान का आयोजन किया गया था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में जहां लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गये थे।
तब एलआईसी के अभिकर्ताओं ने लोगों को न केवल बीमा सुरक्षा के विषय में जागरूक किया बल्कि उन्हें अपनी जरूरत के अनुसार बीमा सुरक्षा लेने में सहायता भी की। इनके संयुक्त प्रयासों से ही आज आम जन मानस भी जीवन बीमा के महत्व को समझ सका है। एलआईसी के नव व्यवसाय मे वृद्धि भी इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि इन कर्मवीर बीमा योद्धाओं ने बीमा जागरूकता बढ़ाने में कितना महत्वपूर्ण कार्य किया है।
आरोग्य व सुपोषण में योगदान
समारोह में उपस्थित लोगों को राज्यपाल ने समाज की अन्य प्रकार से भी सेवा करने का सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि आप सभी 2025 तक टी0बी0 मुक्त भारत बनाने के सरकार के प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। टी0बी0 से ग्रस्त 18 वर्ष से कम के एक एक बच्चे को गोद लें और उसे नियमित दवाई और पोषक आहार दें। इससे बच्चा बहुत शीघ्र ही ठीक हो जायेगा। उसका पूरा परिवार आपको आशीर्वाद ही देगा।
उन्होंने बीमा योद्धाओं को बताया कि कुपोषण जैसी समस्या के समाधान के लिए देश में बड़े स्तर पर आंगनवाडी केन्द्र और मिड-डे-मील कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री की पहल पर भारत को कुपोषण से मुक्त बनाने के उद्देश्य से महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है। कुपोषण को दूर करने के लिए गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि आप सभी गांव-गांव जाते होंगे। आपको अगर वहां कोई कुपोषत बच्चा दिखे तो कुपोषित बच्चों को अतिरिक्त पोषण और ऊर्जा से भरपूर भोजन तथा गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों को पोषक उपलब्ध कराने की दिशा में योगदान कर सकते हैं।