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स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की विचार यात्रा

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

बल्लभ भाई पटेल को राष्ट्रीय एकीकरण का शिल्पी माना जाता है। ब्रिटिस शासन ने देशी रियासतों में विभाजन सूत्र के साथ स्वतन्त्रता सौंपी थी। बल्लभ भाई ने अपनी कुशलता से इन सबका एकीकरण किया था। नरेंद्र मोदी पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने राष्ट्रीय एकता की उसी भावना के साथ राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया था।

उन्होंने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कराया। बल्लभ भाई की सबसे ऊंची मूर्ति निर्माण हेतु उन्होंने पूरे देश के किसानों से लोहा मंगाया था। यह सामान्य परियोजना नहीं थी। यह केवल लोहे से नहीं बनी,बल्कि लोहे के रूप में पूरे देश की भावनाएं इससे जुड़ी थी।इसी प्रकार नरेंद्र मोदी ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी रेल का शुभारंभ किया। देश में बहुत रेल चलती है। लेकिन पहली बार एक साथ आठ रेलों को हरी झंडी दिखाई गई। अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री और इन सभी राज्यों के लोग इस वर्चुसल कार्यक्रम में सहभागी हुए।

पर्यटन नक्शे पर प्रतिमा

गुजरात के केवड़िया में बनी बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को विश्व के पर्यटन नक्शे पर आ जायेगी। नरेंद्र मोदी ने गुजरात में केवड़िया के लिए आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि एक साथ किसी खास जगह पर जाने के लिए आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है। ये आठ ट्रेनें केवड़िया को वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से जोड़ेंगी।

इस योजना के साथ ही भारतीय रेलवे के मैप पर विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी जगह मिल जाएगी। केवड़िया के रेल लिंक से जुड़ने से यहां देश भर से सैलानी बिना किसी परेशानी से पहुंच सकेंगे। पीएम ने कहा कि इन ट्रेनों में विस्टा डोम स्ट्रक्चर की सुविधा है। जिससे यात्री चलते हुए आस पास के नजारों का आनंद ले सकेंगे।

नरेंद्र मोदी ने केवड़िया रेलवे स्टेशन का उद्घाटन भी किया है। उन्होंने ब्रॉडगेज लेन का भी उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि अब केवड़िया देश का कोई छोटा शहर नहीं रह गया है। केवड़िया में अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा लोग सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने को पहुंच रहे हैं। अब तक पचास लाख लोग इस प्रतिमा को देख चुके हैं।एक अनुमान के अनुसार कुछ दिन बाद यहां एक लाख लोग प्रतिदिन पर्यटन व व्यवसायिक कार्यो के संदर्भ में पहुंचने लगेंगे।

रेलवे में उन्नत तकनीक

पिछले छह वर्षों के दौरान रेलवे में अभूतपूर्व सुधार किया गया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि रेलवे में नई सोच नई तकनीक से काम हुआ है। रेलवे में कायापलट की वजह से हम सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने में सक्षम हुए हैं। हाई स्पीड ट्रेन चलाने की दिशा में काम चल रहा हैं। इसके लिए रेलवे का बजट कई गुना बढ़ा दिया गया है। आजादी के बाद हमारी ज्यादातर ऊर्जा पहले से जो रेल व्यवस्था थी उसको सुधारने में लगी रही। नई तकनीक पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। इस कमी को अब दूर किया जा रहा है।

यह रेल लाइनें मां नर्मदा के तट पर बसे करनाली, पोईचा और गरुड़ेश्वर जैसे आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को भी जोड़ने वाली है। यह पूरा आध्यात्मिक चेतना से युक्त है। अनेक रूट्स पर विस्टाडोम वाले कोचेस भारतीय रेल की यात्रा को और आकर्षक बनाने वाले हैं। बीते वर्षों में देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए जितना काम हुआ है वह अभूतपूर्व है। इस अवसर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन ट्रेनों का डिजाइन बेहद शानदार है।

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