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नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे जवान आलोक राव, मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र

चंदौली:  चंदौली के शहाबगंज के रसिया गांव निवासी शहीद आलोक राव को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उनके माता-पिता विजय कुमार और माया देवी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह सम्मान दिया। आलोक राव मात्र 22 वर्ष की उम्र में अदम्य साहस के साथ 2023 में मणिपुर में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह (चरण-1) में सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य एवं संघ शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को 10 कीर्ति चक्र (सात मरणोपरांत) और 26 शौर्य चक्र (सात मरणोपरांत) प्रदान किए। देश की रक्षा में अदम्य साहस, बलिदान और समर्पण दिखाने वाले जवानों को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में यह सम्मान प्रदान किए गए। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे।

26 शौर्य चक्र में से सात जवानों को मरणोपरांत दिया गया, जिसमें चंदौली के शहीद जवान आलोक राव का भी नाम शामिल है। मात्र 22 वर्ष की अवस्था में आलोक ने नक्सलियों से लोहा लेते हुए बलिदान दिया। जनपद के चकिया तहसील के रसिया गांव निवासी आलोक राव असम राइफल्स में तैनात थे।

2023 में उनकी तैनाती मणिपुर में थी। मणिपुर में 10 मई को हुई हिंसा में आलोक राव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां स्वास्थ्य में सुधार न होने पर जवान को कोलकाता स्थित कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान 16 मई की रात को उनका निधन हो गया।

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