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आर्मड रेजिमेंट में तैनात सिपाही अश्विनी कुमार महाराष्ट्र के अहमद नगर में शहीद

लखनऊ। शनिवार (13 मार्च 2021) को शहीद हुए कैण्ट इलाके के तोपखाना बाजार निवासी अश्विनी कुमार का पार्थिव शरीर अभी तक उनके पैतृक निवास पर नहीं पहुँच सका है। परिवार के लोगों का कहना है कि उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से लखनऊ लाया जा रहा है। बावजूद इसके शहीद के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और परिजनों सहित मोहल्ले वाले तोपखाना बाजार स्थित उनके घर पर बेसब्री से उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं।

आर्मड रेजिमेंट में तैनात सिपाही अश्विनी कुमार (करीब 20 वर्ष) की शहादत शनिवार को महाराष्ट्र में पुणे के पास स्थित अहमदनगर रेंज में हो गई थी। शहादत कैसे हुई, खबर लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है। बताते चलें कि तोपखाना निवासी अश्विनी कुमार (5 दिसम्बर 1999) लखनऊ के सनराईज फुटबॉल क्लब के होनहार खिलाड़ी भी थे। तीन बहनों के इकलौते भाई की बहन मानसी का कहना है कि 13 मार्च को रात 8 बजे जब फोन से उनके शहादत की सूचना मिली तो परिवार के सदस्यों को एकबारगी विश्वास ही नहीं हुआ। बाद में उनके पिता अनिल कुमार ने जब बात की तो स्पष्ट हो गया कि अश्विनी कुमार शहीद हो चुके हैं।

पिता अनिल कुमार ने बताया कि शहीद अश्विनी ने कैण्ट के आर्मी पब्लिक स्कूल से इंटर मीडियेट तक की शिक्षा प्राप्त की थी। इसके अलावा सनराईज फुटबॉल क्लब का वह नेशनल खिलाड़ी भी था। उन्होनें बताया कि 10 जून 2020 को स्पोट्र्स कोटे से ही उसे फौज में नौकरी मिली थी। उनकी बहन का कहना है कि शुक्रवार 12 मार्च को रात 10 बजे भाई से उनकी बात फोन पर हुई थी। उस समय ऐसा कुछ भी नहीं लगा कि ये उनकी आखरी बार बात हो रही है। बहन ने बताया कि फोन पर उन्होंने माँ और पिता की सेहत के बारे में पूछा था और हिदायत दी थी कि सभी लोग माँ और पिता का अच्छे से ख्याल रखें।

कैण्ट में जवान की शहादत की खबर मिलते ही सबसे पहले छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने घर पर पहुँच कर परिवार के लोगों को सांत्वना दी। कैण्ट विधायक सुरेश चंद्र तिवारी, सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने भी घर पर पहुँच कर परिजनों को सांत्वना दी है। इसके अलावा खबर लिखे जाने तक कैण्ट क्षेत्र के तमाम लोग उनके घर पर पहुँच रहे हैं। उनके पिता ने बताया कि सड़क मार्ग से लाये जा रहे शहीद का पार्थिव शरीर संभवतः आज रात (11बजे) तक लखनऊ पहुँचेगा, और अंतिम संस्कार कल (16 मार्च ) को किया जाएगा।

दया शंकर चौधरी

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