उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक विशेष माहौल में हुई। यहां करीब एक वर्ष बाद विधान सभा चुनाव होने है। पंचायती चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। कुछ लोग कृषि कानूनों के विरोध में राजनीति कर रहे है,विपक्षी पार्टियों ने भी सक्रियता बढाई है।
किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी के लिए यह दबाब का समय होता,लेकिन भाजपा कार्यसमिति में उत्साह का वातावरण रहा। ऐसा लगा कि पार्टी विरोधियों की गतिविधियों से परेशान नहीं है। इसका प्रमुख कारण केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियां है।
केंद्र सरकार ने इस दौरान अभूतपूर्व व ऐतिहासिक निर्णय लिए है,जिनके पर अन्य कोई पार्टी कभी कल्पना तक नहीं कर सकती थी। अयोध्या जन्मभूमि पर श्री राम मंदिर का निर्मांण, अनुच्छेद 370,तीन तलाक की समाप्ति,नागरिकता संशोधन कांनून,कृषि कांनून,आत्मनिर्भर भारत अभियान,कोरोना संकट में प्रभावी आपदा प्रबंधन,किसान सम्मान निधि,अस्सी करोड़ गरीबों को छह माह तक राशन,भरण पोषण भत्ता,करोड़ों निर्धन आवास, शौचालय आदि अनेक अभूतपूर्व उपलब्धियां सत्ता पार्टी को उत्साहित करने वाली है। कार्यसमिति के उद्घाटन में रक्षमन्त्री राजनाथ सिंह ने इन सभी का उल्लेख किया। कहा कि इन सबके बारे में पहले कोई सोच भी नहीं सकता था।
योगी मॉडल की चर्चा
योगी आदित्यनाथ सरकार के इस कार्यकाल में अभी एक वर्ष शेष है। मुख्यमंत्री की कार्यशैली को देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि शेष कार्यकाल में विकास की गति तेज होगी। कार्यसमिति के समापन पर योगी आदित्यनाथ के हौसले बुलंद दिखाई दिए। चार वर्ष में ही वह सपा बसपा सरकारों के सभी कार्यकालों को चुनौती देने को तैयार है। किसान व गरीब कल्याण,लाखों करोड़ का निवेश,अवस्थसपना सुविधाओं का विस्तार,पांच एक्सप्रेस वे,पर कार्य,स्वास्थ्य आदि सभी क्षेत्रों में पिछली सरकारों के रिकार्ड को बहुत पीछे छोड़ दिया है।
जबकि पिछला करीब एक वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना में व्यतीत हुआ। इसके बाद भी योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति कम नहीं होने दी। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना पर अमल चल रहा है। राज्य सरकार की कार्यपद्धति में बदलाव से आय बढ़ी है। शीघ्र ही स्टेट जीएसटी से होने वाली आय एक लाख करोड़ रुपये की सीमा पार कर लेगी। राज्य सरकार ने अब तक गन्ना किसानों को सवा लाख करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है। करण्ट ईयर आधे से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है।
कोरोना काल में भी सभी एक सौ उन्नीस चीनी मिलें संचालित की गईं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग छत्तीस लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की। छांछठ लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है तथा किसानों को ग्यारह हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा मक्के की खरीद कर किसानों को करीब दो सौ करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के दो करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है।
इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में पहले उत्तर प्रदेश चौदहनवें पायदान पर था। वर्तमान में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में प्रदेश की रैंकिंग देश में द्वितीय है। राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई और बजट का दायरा बढ़ा है। पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठे स्थान पर थी। पिछले चार वर्षाें में प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। प्रदेश शहरी और ग्रामीण इलाकों में चालीस लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं।
करीब ढाई करोड़ से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किया गया। चौवन लाख कामगार श्रमिक,स्ट्रीट वेण्डर्स आदि को भरण-पोषण भत्ते का लाभ मिला। कामगारों श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा सर्वांगीण विकास के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ‘उत्तर प्रदेश कामगार एवं श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग’ का गठन किया गया है। प्रदेश के युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के उद्देश्य से निःशुल्क कोचिंग हेतु मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना संचालित की जा रही है।