लखनऊ। आज संविधान दिवस के उपलक्ष्य में प्राचार्या अंशु केडिया के निर्देशन में ऑनलाइन माध्यम से एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का आयोजन खुन खुनजी गर्ल्स पीजी कॉलेज चौक लखनऊ व गवर्नमेंट वीवाई पीजी ऑटोनोमस कॉलेज दुर्ग, छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता राजनीति शास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश दीक्षित द्वारा की गई।
प्रो. दीक्षित ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में ओजस्वी व तथ्यपरक व्याख्यान द्वारा सभी को लाभांवित किया। प्रो. रमेश दीक्षित ने अपने व्याख्यान में संविधान में वर्णित महिला व दलित स्वतंत्रता व समानता पर प्रकाश डाला।
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अपने व्याख्यान मे प्रो. दीक्षित ने कहा कि संविधान ने हमें प्रजा से नागरिक बनाया। हमारी संगोष्ठी की मुख्य वक्ता विधि संकाय, पं. रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर मे सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रिया राव थी।
डॉ राव ने अपने व्याख्यान के माध्यम से संविधान की प्रस्तावना व उसके अर्थ पर व्यापक प्रकाश डाला। तत्पश्चात हमारे अगले वक्ता डॉ त्रिपुरेश पाठक जो गवर्नमेंट विवेकानंद कॉलेज मैहर, मध्य प्रदेश के राजनीति शास्त्र विभाग मे सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं, ने संविधान के महत्वपूर्ण बिंदुओं को हम सभी के समक्ष उद्घाटित किया।
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में शोध पत्रों का वाचन किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता राजनीति शास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक डॉ जितेंद्र कुमार द्वारा की गई। संगोष्ठी का प्रारंभ डॉ अंशु केडिया द्वारा स्वागत उद्बोधन से एवं अन्त में शपथ के रूप में संविधान की प्रस्तावना के पाठन किया गया। गवर्नमेंट वीवाई. पीजी. ऑटोनोमस कॉलेज दुर्ग, छत्तीसगढ़ समाजशास्त्र विभाग की डॉ. सुचित्रा शर्मा द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
अन्त में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ अंशु केडिया द्वारा भविष्य मे ऐसी संगोष्ठियों के आयोजन की बात करते हुए संगोष्ठी के समापन का आह्वाहन किया गया। संयोजिका के रूप मे डॉ सत्यम तिवारी एवं आयोजन सचिव के रूप मे डॉ पारुल सिंह ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया।