लखनऊ। सपा ने झारखंड के विधानसभा चुनाव में 21 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। इंडिया गठबंधन के तहत हिस्सेदारी न मिलने पर अकेले ही ताल ठोक दी है। पार्टी के झारखंड राज्य प्रभारी व्यासजी गोंड ने गठबंधन पर सपा को उचित सम्मान न देने का आरोप भी लगाया। साथ ही कहा कि यहां भी अब मध्य प्रदेश जैसा हाल होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
मध्य प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र की तरह ही इंडिया गठबंधन के दलों ने झारखंड में भी सपा को कोई सीट नहीं दी। हरियाणा के चुनाव में तो सपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे, लेकिन महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी अपने प्रत्याशी दे दिए हैं। झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा से सीटों के बंटवारे पर सपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व्यासजी गोंड वार्ता कर रहे थे।
वे बताते हैं कि ऐन वक्त पर उन्हें सीटें देने से इन्कार किया गया। झामुमो ने पहले कहा कि कांग्रेस के कोटे में से सपा सीट ले। कांग्रेस से बात की तो उसने भी कह दिया कि उसे अपने कोटे से राजद को सीटें देनी पड़ रही हैं। इस टालमटोल के चलते पहले सपा को आश्वासन मिले, लेकिन अंतत: उसके हाथ कुछ नहीं आया।
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इस पर सपा ने पहले चरण की 11 सीटों गढ़वा, बरही, मनिका, हुसैनाबाद, भनवाथपुर, छतरपुर, विश्रामपुर, जमशेदपुर, बरकट्ठा, बड़कागांव और कांके में प्रत्याशी उतार दिए हैं। इसके अलावा दूसरे चरण की 10 सीटों पाकुड़, महेशपुर, जरमुंडी, राजमहल, बोरयो, सारठ, जमुआ, निरसा, टुंडी और बाघमारा में भी प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया है। सपा के झारखंड प्रभारी गोंड ने कहा कि राज्य की पांच सीटों पर सपा बहुत ही मजबूती से लड़ रही है। इस बार उसे झारखंड में भी सफलता मिलेगी।
महाराष्ट्र में 10 सीटों पर सपा मैदान में
महाराष्ट्र में अब तक सपा 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। ये सीटें हैं- मानखुर्द शिवाजी नगर, भिवंडी पूर्व, मालेगांव मध्य, धुले शहर, भिवंडी पश्चिम, तुलजापुर, परांडा, औरंगाबाद पूर्व, भायखला समेत कुल दस सीटें। वहां सपा गठबंधन के तहत 12 सीटें मांग रही थी। बात न बनने पर अपने प्रत्याशी दे दिए।