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3 अक्टूबर से शुरू होगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, दस्तक अभियान में खोजे जाएंगे रोगी

  • आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देकर करेंगी जागरूक
  • सामुदायिक सहभागिता से करेंगे संचारी रोगों का नियंत्रण – सीएमओ
कानपुर। वेक्टर जनित बीमारियों जैसे- मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, टीबी, इंसेफेलाइटिस और कुष्ठ के नियंत्रण व उन्मूलन में सामुदायिक सहभागिता की भूमिका अहम है। हर व्यक्ति को इनके नियंत्रण व उन्मूलन के प्रयासों से जुड़ना होगा। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आलोक रंजन ने कहीं।  वह शुक्रवार को जिला पुरुष चिकित्सालय, उर्सला सभागार में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तैयारियों को लेकर प्रथम जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
3 अक्टूबर से शुरू होगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, दस्तक अभियान में खोजे जाएंगे रोगी
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 3 से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही 16 से 31 अक्टूबर तक घर-घर दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इसमें 12 अलग- अलग विभाग जन जागरूकता के साथ वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों में योगदान देंगे। सीएमओ ने अभियान की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग समेत सभी 12 सहयोगी विभागों से विस्तृत जानकारी ली।  उन्होंने समस्त विभागों को निर्देशित किया कि जनपद के नगर या ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी जल जमाव, गंदगी आदि की स्थिति पैदा न हो।
नगर में कहीं भी जल भराव, नाली जाम आदि की स्थिति होने पर नगर निगम तुरंत कार्रवाई करें। इसी तरह की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में होने पर पंचायती राज व ग्राम विकास विभाग की ओर से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्रों, घनी आबादी व अन्य मलिन बस्तियों में एंटी लार्वा छिड़काव, फोगिंग आदि का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी सामंजस्य से ही संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को सफल बनाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब इस संदर्भ में जिन विभागों को जो भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं, उसका पूरी जवाबदेही के साथ पालन किया जाए।
इस अभियान के अंतर्गत ही ‘दस्तक अभियान’ 16 से 31 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स मच्छर  जनित एवं संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करें। अधिक से अधिक लोगों को मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों के बारे में बतायें और इन रोगों से बचाव के बारे में जानकारी भी दें। अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत कार्य करें।
एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि इसके लिए जिले में तैयारियां शुरू कर दी गयीं हैं। ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स की बैठकें तथा अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण और प्रशिक्षण कार्यशाला समय रहते पूरी कर ली जाएंगी। 16 अक्टूबर से शुरू होने वाले दस्तक अभियान में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार व आई० एल० आई० (इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस) के रोगियों , क्षय रोग, कुष्ठ रोग एवं फाइलेरिया के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करेंगी। इसके साथ ही क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची जहाँ घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया हो, निर्धारित प्रपत्र पर फ्रंटलाइन वर्कर्स जानकारी उपलब्ध कराएंगी। समस्त रिपोर्ट को ई-कवच पोर्टल पर फीड किया जाएगा। इसकी नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया कि माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या करें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, अपर व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, विभिन्न विभागों के मुख्य अधिकारी व कर्मी, समस्त ब्लॉक के अधीक्षक व एमओआईसी, सीडीपीओ, सहायक मलेरिया अधिकारी, अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी सहित सहयोगी संस्थाओं- विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, सीफार, पाथ सीएचआरआई व एफएचआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – शिव प्रताप सिंह सेंगर

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