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रामकथा का प्रसार

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

श्री रामकथा का प्रसार भारत तक सीमित नहीं है। दुनिया के अनेक देशों में प्रतिवर्ष सामाजिक समारोह के रूप में रामलीला का मंचन होता है। ब्रिटिश काल में बड़ी संख्या में भारतीय श्रमिक अनेक देशों में गए थे। तब उनके पास धरोहर के रूप में राम चरित मानस ही थी। सदियों बाद भी वहां के लोगों ने इस धरोहर व विरासत को सहेज कर रखा है। अयोध्या जी में श्री राम मंदिर के निर्माण कार्य से इन सभी देशों के लोगों में उत्साह है। यहां के नागरिक बड़ी संख्या में प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए आये थे।

इसके अलावा योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए अयोध्या दीपोत्सव को भी इन देशों में व्यापक तौर पर देखा जाता है। अयोध्या में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्वास जताया कि रामायण के प्रचार प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का प्रयास भारतीय संस्कृति तथा पूरी मानवता के हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि रामायण में राम निवास करते हैं। इस अमर आदिकाव्य रामायण के विषय में स्वयं महर्षि वाल्मीकि ने कहा है-‘यावत् स्था-स्यन्ति गिरयः सरित-श्च महीतले, तावद् रामायण-कथा लोकेषु प्र-चरिष्यति।’

अर्थात जब तक पृथ्वी पर पर्वत और नदियां विद्यमान रहेंगे, तब तक रामकथा लोकप्रिय बनी रहेगी। राष्ट्रपति ने रामकथा पार्क में रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि रामायण कॉन्क्लेव की सार्थकता सिद्ध करने के लिए यह आवश्यक है कि रामकथा के मूल आदर्शों का सर्वत्र प्रचार प्रसार हो तथा सभी लोग उन आदर्शों को अपने आचरण में ढालें। सार्वजनिक जीवन में प्रभु राम के आदर्शो को महात्मा गांधी ने आत्मसात किया था।

रामायण में वर्णित प्रभु राम का मर्यादा पुरुषोत्तम रूप प्रत्येक व्यक्ति के लिए आदर्श का स्रोत है। गांधी जी ने आदर्श भारत की अपनी परिकल्पना को रामराज्य का नाम दिया है। बापू की जीवनचर्या में राम नाम का बहुत महत्व रहा है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अयोध्या की यह पवित्र धरती आम जनमानस के रोम रोम में बसी हुई है। राम के आदर्श चरित्र की स्थापना करने में योगी सरकार अपनी अहम् भूमिका निभा रही है। इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है।

अयोध्या के दीपोत्सव देश ही नहीं विदेशों में भी गूंज है। आज अयोध्या नगरी पर्यटन मानचित्र पर पूरे विश्व में छा गयी है। जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा राम मंदिर का शिलान्यास किया गया है,तब से लोगों में इसके पूर्ण होने के दिन का इन्तजार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच शताब्दी के लंबी प्रतीक्षा कर बाद अयोध्या में श्रीराम के भव्य एवं दिव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। व्यापक आस्था के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जन जन के हैं। प्रभु श्री राम हम सब की आस्था का प्रतीक हैं। वह हमारी श्वांस और रोम रोम में बसे हैं। योगी आदित्यनाथ द्वारा राष्ट्रपति को भगवान राम दरबार की मूर्ति तथा रामनामी भेंट कर उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर रामकथा पार्क में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति द्वारा मंदिर निर्माण सम्बंधित प्रस्तुतीकरण किया गया। रामनाथ कोविंद ने सपरिवार हनुमानगढ़ी तथा श्रीरामलला के भी दर्शन किये। उन्होंने परिसर में रुदाक्ष का पौधा भी रोपित किया।

राष्ट्रपति ने द्वारा तुलसी स्मारक भवन संस्कृति विभाग की आधुनिकीकरण परियोजना का शिलान्यास तथा सरयू नदी पर नवनिर्मित लक्ष्मण किला घाट एवं नवनिर्मित बस स्टैण्ड का लोकार्पण किया। उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का अवलोकन भी किया। अयोध्या से शुरू होने वाला यह रामायण कान्क्लेव सोलह शहरों अयोध्या,गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विन्ध्याचल, चित्रकूट, श्रृंगवेरपुर,बिठूर, ललितपुर, गढ़मुक्तेश्वर, बिजनौर, गाजियाबाद, बरेली, सहारनपुर, मथुरा तथा लखनऊ में आयोजित होगा।

कान्क्लेव प्रदेश के चिह्नित इन विभिन्न स्थलों पर दो नवम्बर तक चलेगा। इस दौरान दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन एवं चरित्र पर आधारित होंगे। अयोध्या रामायण कॉन्क्लेव की थीम सामाजिक समरसता पर आधारित है। इसी तरह अन्य स्थानों पर प्रस्तावित कॉन्क्लेव भातृ प्रेम,सखा प्रेम आदि थीम पर आधारित होगा।

राष्ट्रपति कोविंद द्वारा अयोध्या में दो दिवसीय रामायण कॉन्क्लेव के उद्घाटन के बाद दूसरे सत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत होगी। शुभारंभ वेदपाठी ब्रह्मचारी शंखनाद एवं वैदिक स्वस्ति वाचन से किया जाएगा। इसके बाद विजयरामदास एवं उनके साथी पखावज वादन होगा। लखनऊ के अग्निहोत्री बंधु गायन की प्रस्तुति देंगे। अयोध्या के ही विजय यादव एवं उनके साथी फरुवाही के नृत्य भी प्रस्तुत करेंगे। कॉन्क्लेव की भावना के अनुरूप सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से श्रीराम और उनकी अयोध्या के विशद् व्यापक स्वरूप का निर्वचन होगा। रामायण कॉन्क्लेव की पहली शाम भजन, रामायण पर केंद्रित आल्हा एवं ढिढिया नृत्य से भी सजेगी। कॉन्क्लेव की प्रथम संध्या का समापन रामलीला की प्रस्तुति से होगा।

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