अंबेडकरनगर। श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ समारोह कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्रीमद्भागवत की कथा में वह सारे तत्व हैं जिनके माध्यम से जीव अपना तो कल्याण कर ही सकता है। साथ में अपने से जुड़े हुए लोगों का भी कल्याण होता है। जीवन में व्यक्ति को अवश्य ही भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। बिना आमंत्रण के भी अगर कहीं भागवत कथा हो रही है तो वहां अवश्य जाना चाहिए। इससे जीव का कल्याण ही होता है।
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उक्त बातें वृंदावन धाम से पधारे राधेश शास्त्री महाराज ने ब्यास पीठ से कही। कृष्ण जन्म का प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजनों के साथ झूम उठे। उक्त श्रीमदभागवत कथा भीटी विकास के ग्राम बेलबना में आयोजित की गई है। जिसकी यजमान रामरती हैं।
राधेश शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं उसके बाद भी वह अपने माता पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे। यह सीख भगवान श्रीकृष्ण से सभी को लेनी चाहिए।
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आज की युवा पीढ़ी धन कमाने में लगी हुई है लेकिन अपनी कुल धर्म और मर्यादा का पालन बहुत कम लोग कर रहे हैं। इस दौरान कथा पंडाल को रंगीन गुब्बारों से भव्य तरीके से सजाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंचे। आरती कर प्रसादी वितरित की गई।
कथा श्रवण में यजमान अनूप कुमार दूबे सहित शालिग्राम तिवारी, दयाराम तिवारी, विनोद सिंह, हृदय राम यादव, रामयज्ञ यादव, राम अवतार तिवारी, श्रवण कुमार पांडेय, दिनेश कुमार, भगवान पांडेय, उदयभान सिंह, गनेशी सहित सैकड़ों हजारों की संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह