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भ्रष्टाचार मामले में स्टालिन सरकार के मंत्री पोनमुडी को तीन साल की सजा, 50 लाख का जुर्माना भी लगा

तमिलनाडु के वरिष्ठ मंत्री के पोनमुडी को मद्रास हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत की तरफ से पोनमुडी को बरी करने के फैसले को पलटते हुए ये सजा सुनाई।

बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय ने पोनमुडी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाया था। कोर्ट ने तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री और उनकी पत्नी पी. विसालक्षी को बरी करने के निचली अदालत के आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया था।

सजा सुनाए जाने के साथ ही पोनमुडी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई और मंत्री पद भी चला गया है। इसी के साथ अब डीएमके सरकार में पोनमुडी के मंत्रालय की जिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री आरएस. राजाकन्नप्पन को को दी गई है। राजभवन ने इसकी जानकारी दी।

पत्नी को भी मिली बराबर सजा
मद्रास उच्च न्यायालय के जज जी. जयचंद्रन ने पोनमुडी की पत्नी पी. विसालाक्षी को भी तीन वर्ष की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने पोनमुडी और उनकी पत्नी दोनों पर 50-50 लाख का जुर्माना भी लगाया।

आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एनआर. एलांगो ने अदालत से अपील की कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका और सजा निलंबित करने से जुड़ी याचिका दाखिल करने के लिए मोहलत दी जाए। इस पर कोर्ट ने उन्हें 30 दिन की मोहलत दी। जज ने कहा कि इस अवधि के समाप्त होने पर उन्हें विल्लुपुरम में निचली अदालत के सामने पेश होना होगा।

आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का आरोप
अभियोजन पक्ष का कहना था कि पोनमुडी ने द्रमुक शासन में 2006 से 2011 के बीच मंत्री रहते हुए अपने और अपनी पत्नी के नाम पर 1.75 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। जो आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी। मंत्री को अयोग्य ठहराए जाने की संभावना है, जो अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद स्पष्ट होगा।

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