एक सोसाइटी में लोगों से आरडी और एफडी में करोड़ों रुपये जमा करा लिए। इसके बाद शहर और आसपास की शाखाओं को बंद कर भाग गए। एसटीएफ की फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट ने जांच की तो महिलाओं समेत 11 जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट को सुधा देवली निवासी कारबारी ने शिकायत की थी। इनके साथ नौ और लोगों ने शिकायती पत्र एसटीएफ को दिए थे।
इसके साथ ही आरडी और एफडी स्कीम भी उन्होंने चलाई हुई थीं। इनकी शाखाएं ऋषिकेश और देहरादून में थीं। इसका रजिस्टर्ड कार्यालय गुमानीवाला स्थित शारदा सदन ऋषिकेश दर्शाया गया था। फर्जी कंपनी ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से अधिक ब्याज दिलाने का झांसा दिया था। लोगों ने खुद तो रुपये जमा ही किए साथ ही एजेंट बनकर दूसरों के भी जमा कराने लगे।एसटीएफ की जांच पर चिटफंड अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया जैसे-जैसे दफ्तरों और शाखाओं में ताले लगने शुरू हुए तो लोगों की नींद उड़ गई। एसटीएफ की जांच पर चिटफंड अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
वह उनकी आरडी व एफडी बांड जारी करता था। कुछ दिन बाद यह कार्यालय पित्थुवाला शिमला बाईपास में बना दिया गया। लोगों को चेक भी दिए गए, लेकिन किसी को पूरी रकम नहीं मिली।