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ब्रिटेन में भारतीय मूल के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, कमेटी ने सरकार से बातचीत करने का किया आह्वान

ब्रिटेन में भारतीय मूल के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन के जूनियर डॉक्टर कमेटी के सह अध्यक्ष डॉ विवेक त्रिवेदी ने बुधवार को यूके सरकार से हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत का आह्वान किया। बता दें ब्रिटेन के स्वास्थ्य सेवा इतिहास में यह सबसे लंबी हड़ताल मानी जा रही है। ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) जूनियर डॉक्टर्स कमेटी के सह-अध्यक्ष डॉ विवेक त्रिवेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ब्रिटेन के मंत्रियों को अच्छे वेतन प्रस्ताव के साथ आकर बातचीत करने की बात कही है ताकि वे हड़ताल वापस ले सकें।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) अस्पतालों में सेवाएं हजारों जूनियर डॉक्टरों या योग्य चिकित्सा पेशेवरों पर निर्भर हैं, जो महंगाई के अनुरूप बेहतर वेतन की मांग कर रहे हैं। त्रिवेदी ने बताया, ‘सरकार की ओर से कोई भी हमारे पास आ सकता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर हमें लगता है कि यह प्रस्ताव विश्वसनीय है और यदि हम बातचीत फिर से शुरू कर सकते हैं और उस पर आगे बढ़ सकते हैं तो हम सप्ताह के बाकी दिनों के लिए अपनी हड़ताल की कार्रवाई रोक सकते हैं’।

पिछले महीने भी हुई थी बातचीत की कोशिश
दरअसल, पिछले महीने जूनियर डॉक्टरों और यूके सरकार के बीच बातचीत टूट गई थी। कथित तौर पर उन्होंने पिछले साल अप्रैल में प्राप्त लगभग 9 प्रतिशत जूनियर डॉक्टरों के वेतन के अलावा 3 प्रतिशत की औसत वेतन वृद्धि की पेशकश को अस्वीकार कर दिया था। बीएमए 2008 से मुद्रास्फीति से कम वेतन वृद्धि के लिए अतिरिक्त 35 प्रतिशत की मांग कर रहा है।

डॉ त्रिवेदी ने आगे बताया, ‘हम रातों-रात किसी उत्थान या वेतन बहाली की मांग नहीं कर रहे हैं। हम यह भी नहीं कह रहे हैं कि यह एक वर्ष में ही हो जाए। हम उन सौदों को देखकर बहुत खुश हैं जो कई वर्षों तक चलेंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 3 प्रतिशत वेतन वृद्धि अभी भी कई डॉक्टरों के वेतन में कटौती के समान होगी।

बातचीत से पहले हड़ताल लें वापस
हालांकि, ब्रिटेन की स्वास्थ्य सचिव विक्टोरिया एटकिंस ने कहा कि बातचीत से पहले जूनियर डॉक्टरों को अपनी हड़ताल वापस लेनी होगी। सचिव ने आगे बोला, ‘जनवरी आम तौर पर एनएचएस के लिए साल का सबसे व्यस्त समय होता है और इन हड़तालों का देश भर के मरीजों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

औद्योगिक कार्रवाई शुरू होने के बाद से 1.2 मिलियन से अधिक नियुक्तियां पहले ही पुनर्निर्धारित की जा चुकी हैं, जिनमें पिछले महीने की हड़ताल के दौरान 88,000 से अधिक नियुक्तियाँ भी शामिल हैं। एनएचएस ने मरीज़ों की सुरक्षा के लिए फिर से मजबूत आकस्मिक योजनाएँ बनाई हैं और यह महत्वपूर्ण है कि जिस किसी को भी चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो वह आगे आना जारी रखे’।

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