रायबरेली। सरकार शिक्षा पर हर वर्ष लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन इसके बाद भी बच्चों के शैक्षणिक स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है।वहीं प्राथमिक विद्यालयों की अपेक्षा निजी विद्यालयों में बच्चों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है कई स्थानों पर भवन जर्जर होने के कारण छात्रों को दूसरे विद्यालयों में जाकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रह रही है।शनिवार से परिषदीय विद्यालयो की परीक्षा अव्यवस्थाओं के मध्य प्रारंभ कर दिया गया है।जिसमे स्थानीय विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते नौनिहाल जान जोखिम मे डालकर परीक्षा देने के लिए मजबूर है।जहां बच्चों के बैठने के लिए जमीन तो है पर सर छुपाने के लिए मजबूत छत नहीं है जिसके चलते बच्चों के सिर पर हमेशा काल मंडराता रहता है।
ऊंचाहार ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर उधवन
ऊंचाहार ब्लाक के अन्तर्गत कुल 108 प्राथमिक व 27 पूर्वमाध्यमिक विद्यालय है।जिसमे कक्षा 1 से लेकर 8 तक के कुल 14360 परिक्षार्थियों को परीक्षा मे बैठकर अपने भविष्य को सुधारना है।जिसमे ब्लाक के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर उधवन में शनिवार के दिन जर्जर भवन मे 113 पंजीकृत बच्चों मे 73 बच्चों ने हिन्दी विषय का परीक्षा दिया।जिनके हालात देखते बन रहा था एक तरफ जहां भवन जर्जर होने पर उनके सर पर काल मंडरा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ उन मासूमों मे परीक्षा पास करके अपने भविष्य की चिंता सता रही थी।हालात बिल्कुल दयनीय थी जिसका दृश्य देखकर आप भी सोंचने पर मजबूर हो जाएंगे लेकिन यहां के हालात विभाग के स्थानीय अधिकारियों की कहीं न कहीं पोल खोल रही है।जिसमे अधिकारियों की लापरवाही से बच्चों को जान जोखिम मे डालकर पढने से लेकर परीक्षा देने के लिए जर्जर भवन मे मजबूर है।जिसके प्रति विभाग के अधिकारी कब चेतेंगे ये एक चर्चा का विषय बना हुआ है।
Sdm केशवनाथ गुप्ता ने कहा
उधर ऊंचाहार एसडीएम केशवनाथ गुप्ता ने बताया कि प्रकरण गंभीर है जिसकी प्रशासनिक जांच करवाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।वही बच्चों को जर्जर बिल्डिंग मे परीक्षा न करवाने की जगह दूसरे स्थान यानी पंचायत घर मे करवाने के लिए आदेशित किया जाएगा।
रत्नेश मिश्रा