उत्तर प्रदेश में बिजलीर्किमयों की भविष्य निधि (PF) के गलत तरीके से निवेश के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को सात और लोगों को गिरफ्तार किया।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों के पीएफ की धनराशि को निजी कम्पनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में गलत तरीके से निवेश किये जाने के मामले में ईओडब्ल्यू ने डीएचएफएल की लखनऊ शाखा के तत्कालीन क्षेत्रीय विपणन प्रबन्धक अमित प्रकाश समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीएचएफएल से लगभग चार करोड़ 12 लाख रुपये की दलाली ली
उन्होंने बताया कि प्रकाश के अलावा इस सौदे में दलाली करने और धन की बंदरबांट के आरोप में मनोज कुमार अग्रवाल, विकास चावला, संजय कुमार, श्याम अग्रवाल, अरुण जैन और पंकज गिरि नामक व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के पूर्व प्रबन्ध निदेशक ए.पी. मिश्र समेत पांच आरोपी पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
अवस्थी ने बताया कि डीएचएफएल के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक अमित प्रकाश पर विभिन्न फर्मों तथा व्यक्तियों को बिचौलिये के तौर पर पंजीकृत कराने में भूमिका निभाने का आरोप है। वहीं, विकास चावला ने आपराधिक साजिश करके अपनी फर्म के जरिये डीएचएफएल से लगभग चार करोड़ 12 लाख रुपये की दलाली ली।
डीएचएफएल तथा अल्पाइन ब्रोकरेज के माध्यम से दलाली की
उन्होंने बताया कि श्याम अग्रवाल ने अनेक तथाकथित कम्पनियों में डीएचएफएल तथा अल्पाइन ब्रोकरेज के माध्यम से दलाली की धनराशि अंतरित करायी थी और अरुण जैन ने अग्रवाल से मिली रकम को छह फर्मों में बंटवाया था। इसके अलावा पंकज गिरि ने छद्म नाम से कम्पनी खोलकर डीएचएफएल से करोड़ों रुपये हासिल किये।