लखनऊ। कोरोना संक्रमण क्या है, इससे कैसे बचा जा सकता और इसका इलाज कैसे होता है। ये सब अब परिषदीय स्कूल के बच्चें अपनी किताब में पढ़ कर जान सकेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद ने कोरोना संक्रमण को लेकर एक पाठ तैयार किया गया है। जिसे छात्र इसी सत्र से अपनी किताबों में पढ़ सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से जुड़े पाठ को फिलहाल कक्षा 7 की विज्ञान पुस्तक में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने बड़ा कदम उठाया है। अधिकारियों का मानना है कि परिषदीय स्कूलों में ग्रामीण परिवेश से जुड़े छात्रों की संख्या अधिक है। कोरोना को पाठयक्रम में शामिल करने से गांवों में कोरोना संक्रमण से बचाव व जागरूकता का संदेश पहुंचाने में आसानी होगी। छात्र जब अपनी पुस्तक में कोरोना संक्रमण के बारे में पढ़ेंगे तो वह घर पर जाकर अपने अभिभावकों को भी इसके बारे में जानकारी देंगे। इससे छात्रों के साथ अभिभावक भी जागरूक होंगे। वह जान सकेंगे कि कोरोना से कैसे बच कर उसे हराया जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक इसी सत्र से इसे बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। छात्र इस पाठ से जागरूकता हासिल कर स्वयं अपना बचाव करने में सक्षम भी हो सकेंगे।
कक्षा 7 की विज्ञान पुस्तक में शामिल हुआ कोरोना
बेसिक शिक्षा परिषद ने कोरोना संक्रमण से जुड़े पाठ का कक्षा 7 की विज्ञान पुस्तक में शामिल किया है। अधिकारियों के मुताबिक इस जल्दी ही कक्षा 6 व 8 की पुस्तक में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण पाठयक्रम में शामिल किए जाने के साथ शिक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह ऑनलाइन कक्षाओं में छात्रों को कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी दें। यह कैसे फैलता है, इसको कैसे रोका जा सकता है। इसके बारे में भी बताए।
सेकेंड्ररी में हो सकता शामिल
जानकारों की मानें तो कोरोना संक्रमण विषय के रूप में सेकेंड्ररी की पुस्तकों में भी शामिल किए जाने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा परिषद इसे लेकर काम कर रहा है। हालांकि अभी इसकी जानकारी नहीं है कि इसे कौन सी कक्षा व विषय में शामिल किया जाएगा।