Breaking News

तीन तलाक मौलिक अधिकार है या नहीं !! इसका आंकलन जरुरी: SC

नई दिल्ली. तीन तलाक के मुद्दे पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात का आंकलन करेगा कि मुस्लिमों में तीन तलाक का मामला उनके धर्म के संबंध में उनका मौलिक अधिकार है या नहीं?? कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह बहुविवाह के मुद्दे पर सुनवाई नहीं करेगा, क्योंकि यह मामला तीन तलाक से जुड़ा नहीं है।

आपको बताते चलें कि तीन तलाक,बहुविवाह और हलाला के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में कई पिटीशंस दाखिल किये गए थे। इससे विरत केंद्र सरकार पहले ही तीन तलाक के विरोध में अपना पक्ष कोर्ट में रख चुकी है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसे शरीयत से जुड़ा मसला बताती है,उसका मुताबिक यह मसला उसका मजहबी मामला है और इन मामलों में कोई भी अदालत दखलंदाजी नहीं कर सकतीं।

जस्टिस जे.एस. खेहर की अगुआई में पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है,बेंच में हिंदू, मुस्लिम, सिख, पारसी और क्रिश्चियन जज हैं। जजों की बेंच मुस्लिम महिलाओं की तरफ से दायर की गई सात पिटीशन पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि प्रत्येक पक्ष को सवालों पर दलील देने के लिए दो-दो दिन का समय दिया जायेगा और एक दिन का समय उसका खंडन करने के लिए मिलेगा। यहां कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी वकील को दोबारा दलील देने का मौका नहीं देगी।

About Samar Saleel

Check Also

‘अब कोई ‘अभया’ न हो, ये हमारी जिम्मेदारी’, अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डॉक्टर्स अपनी मांगों पर अड़े

कोलकाता:  आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के विरोध में और अपनी मांगों को लेकर ...