नई दिल्ली। विश्व मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) द्वारा 20 से 21 दिसंबर को आयोजित किये जा रहे तीसरे भारत-चीन थिंक टैंक फोरम के उद्घाटन सत्र के मौके पर बोलते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और चीन की बढ़ती क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भूमिका के साथ उम्मीद है कि दोनों देश एशिया का नेतृत्व करेंगे और एशियाई सदी का निर्माण करेंगे। उनकी यह टिप्पणी चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के मद्देनजर आई है। वांग लोगों के बीच आपसी संपर्क पर उच्च स्तरीय तंत्र की पहली बैठक में भाग लेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यात्रा के बारे में कहा कि यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी सह-अध्यक्षता स्वराज और वांग करेंगे तथा इस फोरम को स्थापित करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान शिखर सम्मेलन में लिया गया था। विदेश मंत्री और उनके चीनी समकक्ष के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी जिसके बाद वो अपने बयान जारी करेंगे।
निरंतर चर्चा के लिए उपयोगी मंच
भारत-चीन थिंक टैंक फोरम के उद्घाटन सत्र की शुरुआत में राजदूत टी.सी.ए. राघवन, आईसीडब्ल्यूए डीजी और चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के उपाध्यक्ष गाओ पेयोंग ने संबोधन दिया। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने भी कार्यक्रम के लिए संदेश दिया। विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रणय वर्मा द्वारा पढ़े गए संदेश में स्वराज ने कहा, पिछले दो सत्रों में हुई रचनात्मक चर्चा के जरिए इस फोरम ने अपने आप को हमारे शिक्षाविदों और विद्वानों के बीच नियमित और निरंतर चर्चा के लिए उपयोगी मंच स्थापित किया है।
थिंक टैंक फोरम ने दोनों देशों के बीच
उन्होंने कहा, हमारे संबंध मजबूत हो रहे है और हमारी क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भूमिका बढ़ी है तो दोनों देशों से उम्मीदें है कि वे एशिया का नेतृत्व करें और एशियाई सदी का निर्माण करें। चीन के विदेश मंत्री ने अपने संदेश में कहा कि थिंक टैंक फोरम ने दोनों देशों के बीच आपसी समझ बढ़ाने और परस्पर विश्वास मजबूत करने में मदद की है। उनका संदेश चीन के राजदूत ल्यो झाओहुई ने पढ़ते हुए कहा कि वुहान शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के संबंध सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।