सभ्यता के विकास के साथ दुनिया में पाशविक प्रवृत्तियां बढ़ जाती है। जब भी देश-समाज में आपदाएं आती हैं, दो प्रकार के लोग सक्रिय हो जाते हैं। एक वो, जो आपदाओं के समय, आहत जनता को, किसी न किसी तरह मदद पहुंचाने के लिए सेवा और दान कार्यों में बढ़-चढ़कर ...
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