भगवान और भगत के बीच भक्ति का ही एकमात्र नाता होता है। नौ प्रकार के भक्ति की चर्चा नवधा भक्ति के प्रसंग में वर्णित है। इसमें से कोई भी एक भक्ति पथ को पकड़ कर के मनुष्य अपना जीवन सँवार सकता है। भगवान और सत्कर्मों में जिसकी जितनी श्रद्धा होती ...
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