इस मौक़े पर, समिति के अध्यक्ष नगीना प्रसाद ने स्वरचित होली गीत सुनाया। इस गीत में एक ग्रामीण नायिका फागुन में अपने नायक की भावपूर्ण प्रतीक्षा कर रही है। वह परदेश में है। ऐसे में नायिका को होली का कोई भी रंग सुहा नहीं रहा है। Published by- @MrAnshulGaurav Sunday, March ...
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