अयोध्या। डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अन्तर्गत 20 दिवसीय भित्ति-चित्रण कार्यशाला (Mural Painting Workshop) में ललित कला (Fine Arts) के छात्र-छात्राओं ने भारतीय लोक कला को दीवारों पर उकेरा।
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अविवि की कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल के कुशल मार्ग-दर्शन में विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी अतिथि गृह की दीवारों पर 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भारत के पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, केरल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, बिहार तथा उत्तर प्रदेश आदि की लोक कला एवं जनजातीय कला का अलौकिक चित्रण किया।
विद्यार्थियों की अद्भुत प्रतिभा पर विवि की कुलपति प्रो गोयल ने कहा कि भित्ति चित्रकला भारत की सबसे पुरानी थाती है, यह भावों की अभिव्यक्ति है।
इससे छात्र-छात्राओं में रचनाधर्मिता के अवसर बढ़ेंगे। कुलपति ने कहा कि आमजनमानस को लोक संस्कृति से रूबरू कराने के लिए विद्यार्थियों द्वारा दीवारों पर कलाकृतियों को उकेरा जा रहा है।
ललित कला के समन्वयक डॉ सुरेंद्र मिश्र ने बताया कि कुलपति के निर्देशन में पीएम-उषा के अन्तर्गत परिसर में शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसी क्रम में 3 फरवरी से 20 दिवसीय भित्ति चित्रण कार्यशाला में भारत की समृद्ध विरासत को दीवारों पर उकेरा जा रहा है।
इसमें प्रतिभागी छात्र-छात्राएं मधुबनी, कलमकारी, सांझी, पिछवई, गोंड, कोहबर, केरला भित्ति चित्रण तथा तुलसी-चैरा परंपरागत कला शैली को उत्साह के साथ उकेर रहे है।
संयोजक डॉ सरिता सिंह ने बताया कि भारत की लोक कला एवं जनजातीय कला को भित्ति चित्रण के माध्यम से विद्यार्थी तकनीकी एवं विषय वस्तु का गहन अध्ययन कर रहे है। इसी क्रम में शिक्षिका डॉ सरिता द्विवेदी एवं श्रीमती रीमा सिंह द्वारा छात्र-छात्राओं को भित्ति चित्रण की बारीकियों से परिचित कराया गया।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह