भारतीय शास्त्रों ने प्रकृति के संक्रमण काल में उपासना का विशेष महत्व बताया है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नवदुर्गा के नौ दिन इसका अवसर प्रदान करते है। इस अवधि में भक्त जन मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं। इसमें इक्यावन शक्तिपीठों के प्रति भी ...
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आध्यात्मिक चेतना का जागरण
वर्ष में नवरात्र के दो अवसर आध्यात्मिक चेतना को जागृत करते हैं. इस अवधि में की गई साधना प्रकृति के अनुरूप होती है.इसका वैज्ञानिक आधार है. नौ दिन अलग अलग शक्तियों का जागरण होता है. देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री है। नवदुर्गा के प्रथम दिन इनकी आराधना होती ...
Read More »जगदंबे के तीसरे स्वरूप की आराधना
देवी जगदंबा के नौ रूप है। क्रमशः इनकी उपासना से भक्त अपने भीतर अनेक सकारात्मक शक्तियों का विकास कर सकता है। नवदुर्गा के नौ दिन आध्यात्मिक साधना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते है। नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा माता की पूजा आराधना की जाती है। चंद्रघंटा की पूजा ...
Read More »जगत का Ambika mandir
सरस्वती, नृत्य भाव में गणपति, महिषासुर मर्दिनी, नवदुर्गा, वीणाधारिणी, यम, कुबेर, वायु, इन्द्र, वरूण, प्रणय भाव में युगल, अंगड़ाई लेते हुए व दर्पण निहारती नायिका, शिशु क्रीडा, वादन, नृत्य आकृतियां एवं पूजन सामग्री सजाये रमणी आदि कलात्मक प्रतिमाओं का अचंभित कर देने वाली मूर्तियों का खजाना और आदित्य स्थापत्य कला ...
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