जिस शिशु की दो माह बाद ही नेत्र ज्योति चली जाए,उसके लिए जीवन अंधकार मय हो जाता है। लेकिन ऐसे अनेक विलक्षण लोग है,जिन्होंने इस अभाव को बाधक नहीं बनने दिया। प्रबल इच्छाशक्ति के साथ उन्होंने अभाव को प्रभाव में बदल दिया। आंखे ना होने के बाबजूद अपना जीवन प्रकाशित ...
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