देसी आम की बात करते हुए चतुरी चाचा ने कहा- देसी अनाज अउ फल-सब्जी की तना देसी आम विलुप्त होय रहा। आज काल्हि तौ दशहरी, चौसा, सफेदा, आम्रपाली, अल्फांसो अउ अन्य विदेशी आमन की बाढ़ हय। आजु कय पीढ़ी गोला, गुल्ली, खटुवा, मिठुवा, सिंदुरिहा, बेलहा, फटहा, शकरहा, सिवनुहा अउ भदइला ...
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