Atal जी की राजनीतिक व्यक्तित्व, विचारों और उप्लाभ्दियों के बारे में बात करने से पहले उन्ही की लिखी एक कविता ” दो अनुभूतियां “ की कुछ पंक्तियां आपको पढ़ाना चाहूंगा। बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं गीत नहीं गाता हूं लगी ...
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