लखनऊ। व्यक्तित्व विकास के प्रति सजगता का विचार प्राचीन काल से रहा है। शासन सत्ता के संचालन व व्यवसायिक प्रबंधन में इसका महत्व पहले भी रहा है। इसके अनुरूप किसी न किसी रूप में सहज स्वभाविक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था रही है। शास्त्रों में भी इनका उल्लेख मिलता है। आधुनिक ...
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