रामनाथ कोविंद जब भी कानपुर आते है,यादों की धरोहर उनके साथ होती है। वह उनका उल्लेख करते है। कोई दुराव छिपाव नहीं रहता। अपने गांव व साथ रहे लोगों से मिलकर वह भावुक होते है। राष्ट्रपति बनने के बाद अनेक बार वह अपने गृह जनपद कानपुर की यात्रा पर आए ...
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