आज़ादी के 75 बरस बीत चुके हैं. लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों के निवासी आज भी उन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं जिनके बिना जीवन की कल्पना एक डरावने स्वप्न सी प्रतीत होती है. उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक का गनीगांव और सुराग, ये ऐसे गांव हैं जहां ...
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बाल विवाह: हजारों सपने टूट जाते हैं!
पहले हमारे देश में जब लड़कियों की शादी होती थी तो उनकी उम्र बारह से तेरह साल के आसपास होती थी. जिसके कारण उनमें शिक्षा और जागरूकता का अभाव था. लेकिन समय के साथ-साथ लोगों में सामान्य शिक्षा के कारण रूढ़िवादी सोच और परंपरा में कई बदलाव होने लगे. इसके ...
Read More »सुविधाओं के अभाव में जूझती राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था
राज्य के तौर पर उत्तराखंड के गठन को 22 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं. इन वर्षों में राज्य में कई सुधारों की बातें कही जाती है. जिसमें स्वास्थ्य सुविधाएं प्रमुख है. परंतु यह पहाड़ी राज्य लम्बे समय से डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है. पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने ...
Read More »जाति भेदभाव: हम शिक्षित हुए हैं, जागरूक नहीं
दो साल पहले मध्य प्रदेश के रतलाम से आई एक तस्वीर ने लोगों को चौंका दिया था. जहां एक दलित समुदाय के दूल्हे को हेलमेट पहनकर घोड़ी पर चढ़ना पड़ा था, क्योंकि गांव के सवर्ण लोग नहीं चाहते थे कि वह घोड़ी पर चढ़े. पहले तो उसकी घोड़ी छीन ली ...
Read More »हर घर नल मगर जल नहीं
देश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर तक नल के माध्यम पीने के साफ़ पानी पहुंचाने की योजना देश के अन्य राज्यों के साथ साथ पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी चलाई जा रही है. उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य की जनता के लिए एक रुपये में पानी कनेक्शन योजना की शुरुआत ...
Read More »जातिवाद के दंश से बेहाल समाज
आज़ादी के 75 साल बाद भी हमारे समाज में कुछ ऐसी बुराईयां मौजूद हैं जो इसकी जड़ों को खोखला करता जा रहा है. इसमें सबसे प्रमुख जातिवाद का दंश है. जिसके कारण दलित और कमज़ोर तबका प्रभावित होता है. पिछले तीन वर्षों में, यानि 2019 से 2021 के दौरान, देश ...
Read More »बाल विवाह को ना कहती किशोरियां
बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार का सख्त फैसला इस वक़्त देश और दुनिया में सुर्खियां बनी हुई है. यह शायद पहला मौका है जब किसी राज्य सरकार ने इस सामाजिक बुराई के खिलाफ न केवल सख्ती की है बल्कि एक्शन भी लिया है. अब तक करीब तीन हज़ार से ...
Read More »जागरूकता है नशा के खिलाफ कारगर हथियार
करीब दो साल पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर देश के 272 जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य युवाओं को शराब और गुटखा जैसी नशे की सभी लतों से ...
Read More »नकल विरोधी कानून: मेहनत की सिसकियां, नकल माफिया और राजनीतिक बैसाखियां
नकल विरोधी कानून सरकार की एक अच्छी पहल है परंतु इसमें एक और संशोधन करके यह शामिल किया जाना चाहिए कि जिस नेता या उसके रिश्तेदार करीबी का नाम पेपर लीक में हो उससे 10 सालों तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी जाए सारा खेल खत्म हो जाएगा। बार-बार ...
Read More »उत्तराखंड: जब सड़क के बिना ज़िंदगी ठहर जाए
देश के बुनियादी ढांचों में विकास के लिए केंद्र और सभी राज्य सरकारें लगातार प्रयासरत हैं. इस समय देश में सड़कों के विकास पर तेज़ी से काम हो रहा है. भारतमाला परियोजना हो या स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की बात करें, इन परियोजनाओं ने देश में सड़कों की तस्वीर बदल दी ...
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