सजेगी कलाई आ गया रक्षाबंधन, सजेगी कलाई! नेह की डोर से, तू बांधेगी मुझको तू ही बता आज, क्या दूं मैं तुझको दे सका है भला क्या? कोई राखी का मोल पर ख्वाहिश हो यदि कुछ, तो निसंकोच बोल! आगे बढ़ाओ अब, हाथ भाई! आ गया रक्षाबंधन, सजेगी कलाई! बहन ...
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