संक्रांति के मूल भाव को समझना आवश्यक है। भारतीय संस्कृति प्रकृति से तादात्म्य रखने हुए सतत प्रवाहित रहती है. मकर संक्रांति प्रकृति का संक्रमण है. इसको भी हमारी संस्कृति में पर्व माना गया. प्रकृति के साथ ही वैचारिक संक्रमण होता है. य़ह बात पूर्व प्रांत संघ चालक प्रभु नारायण श्रीवास्तव ...
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