ताल सुमेर सागर को दोबारा ताल का स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन 15 करोड़ रुपये खर्च करेगा। 10.05 एकड़ में प्रस्तावित इस ताल की गहराई किनारे पर दो फीट, फिर पांच, सात और 10 फीट होगी जबकि सबसे बीच में ताल 15 फीट गहरा होगा। इससे ताल का किनारा कटान से भी सुरक्षित रहेगा। यही नहीं ताल में गंदा पानी रोकने के लिए प्रशासन सीचेवाल मॉडल अपनाएगा।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि आर्किटेक्ट द्वारा तैयार किए गए ले-आउट को जिला प्रशासन ने अपनी फाइनल रजामंदी दे दी है। ताल जिस तकनीक पर विकसित किया जा रहा है उससे जल संचयन क्षमता बढ़ाने और भू-गर्भ जल स्तर को बरकरार रखने में भी मदद मिलेगी।
ताल के जल धारण की क्षमता 40 हजार क्यूबिक मीटर होगी। तालाब के अंदर कटान रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक वाले सिलिका जेल का इस्तेमाल किया जाएगा। यह बोल्डर पिचिंग की अपेक्षा लगभग दस गुना सस्ता होगा।
उन्होंने बताया कि आसपास के लगभग आधा दर्जन मोहल्लों में जलभराव न हो इसके लिए विजय चौराहा व धर्मशाला बाजार दोनों तरफ से ड्रेन भी बनाए जाएंगे। सीचेवाल माडल से ड्रेन के पानी को साफकर तालाब में डाला जाएगा। जिला प्रशासन ने भारत सरकार की संस्था नीरी से भी संपर्क किया है।
नीरी के कंस्ट्रक्टेड वेटलेंड कांसेप्ट से भी तालाब के पानी को स्वच्छ रखा जाएगा। नीरी फाउंडेशन संस्था ने ‘सेव वाटर कैंपेन’ के तहत मेरठ में काली नदी का जीर्णोद्धार करने में अहम भूमिका निभाई थी। संस्था के विशेषज्ञ जल्द ही तालाब का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
धर्मशाला व विजय चौराहा, दोनों तरफ होगा गेट
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि तालाब में प्रवेश के लिए धर्मशाला बाजार चौराहा और विजय चौराहा, दोनों तरफ से द्वार बनाए जाएंगे। इन दोनों स्थानों पर दो व चार पहिया वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था होगी। पार्किंग में एक साथ 100 चार पहिया व 500 दो पहिया वाहनों के पार्किंग का इंतजाम रहेगा। इसके अलावा दो अलग-अलग स्थानों पर पब्लिक टॉयलेट भी बनाए जाएंगे।
वेडिंग जोन में आठ दुकानें रहेंगी। पार्क के लिए लगभग 800 मीटर जमीन आरक्षित की गई। इसके अलावा ताल परिसर के बीच-बीच में ग्रीनरी के साथ ही बैठने के लिए बेंच का भी इंतजाम रहेगा। ताल के किनारे 1.3 किलोमीटर का जॉगिंग ट्रैक होगा।
एक लाख की आबादी को जलभराव से राहत मिलेगी
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि इस तालाब से एक लाख से अधिक की आबादी को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी। ताल को सुंदर बनाने के लिए शहर के कई प्रतिष्ठित लोगों ने भी जिला प्रशासन से संपर्क किया है। कुछ लोगों ने श्रमदान तो कुछ ने आर्थिक मदद का भी प्रस्ताव रखा है। प्रशासन ऐसे सभी दानदाताओं का नाम भी तालाब के एक हिस्से में लगवाएगा।
रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल