केंद्र सरकार ने राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए समय पर कर हस्तांतरण और जीएसटी मुआवजा बकाया चुकाया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को यह बात कही। राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक में सीतारमण ने उनसे उस योजना का लाभ उठाने के लिए भी कहा, जिसके तहत केंद्र राज्यों को तयशुदा सुधार करने के लिए 50 साल का ब्याज मुक्त ऋण देता है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए समय पर कर हस्तांतरण, वित्त आयोग अनुदान और जीएसटी मुआवजे के बकाया के जरिए राज्यों को केंद्र सरकार के समर्थन को रेखांकित किया।सीतारमण ने पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना का उल्लेख भी किया। ज्यादातर राज्यों ने केंद्र की ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना’ की सराहना की और आगे सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए।
बयान में कहा गया कि प्रतिभागियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री को वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट के लिए कई सुझाव भी दिए। राजस्थान की वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी), जल जीवन मिशन (जेजेएम), कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और रेलवे लाइनों के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की मांग की।
कर्नाटक के वित्त मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने ऊपरी भद्रा जल परियोजना के लिए पहले से घोषित सहायता में से 5,300 करोड़ रुपये जारी करने और इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की।उन्होंने उपकर और अधिभार को विभाज्य पूल में शामिल करने की भी मांग की ताकि राज्यों को केंद्रीय करों में उनका उचित हिस्सा मिल सके।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 पर सुझाव लेने के लिए सभी राज्यों और विधानमंडल वाले केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक की। इस दौरान वित्त मंत्री नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों से मिलीं।