चतुरी चाचा आज बड़े खुश दिख रहे थे। मुंशीजी व कासिम चचा उन्हें घेरे बैठे थे। तीनों जन कोरोना पर बात कर रहे थे। मेरे पहुंचते ही बोले- रिपोर्टर, कोरोना से मुक्ति पाने की घड़ी करीब आ रही है। भारत में भी कुछ हफ्तों बाद कोरोना का टीका लगना शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात का ऐलान कर दिया है।
मुंशीजी ने बतकही को आगे बढ़ाते हुए कहा- 130 करोड़ की आबादी को कोरोना टीका लगाना कोई आसान बात नहीं है। टीवी और अख़बार से मिल रही खबरों के मुताबिक कोरोना का टीका सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को लगाया जाएगा। उसके बाद अन्य कोरोना योद्धाओं और किसी रोग से लड़ रहे बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। आखिर में आम जनता का टीकाकरण होगा। इसमें हजारों करोड़ का सरकारी खर्च होगा। साथ ही, चरणबद्ध टीकाकरण में लम्बा समय भी लगेगा। वैसे राज्य सरकारों ने टीकाकरण की तैयारी शुरू कर दी है। अभी तक यह साफ नहीं है कि जनता को टीका मुफ्त दिया जाएगा या कीमत ली जाएगी।
इसी दौरान पच्छे टोला से ककुवा व बड़के दद्दा की जोड़ी आ गयी। ककुवा आते ही बोले- का हो चतुरी भाई आजु बड़े मगन द्यखाय रहे। सब जने केरे चेहरे पहियां खुशी लोट रही हय। कौनि खुशखबरी आई हय का? जौ सब जने यतना प्रफुल्लित हौ। चतुरी चाचा बोले- ककुवा, तुम अपने मुसिक्का का लयके बड़ा परेशान रहौ न। अब तुमरे मुँह ते मुसिक्का खुलि जाई। कोरोउना महाब्याधि केरी वैक्सीन आय रही हय। साल 2021 शुरू होतय खन अपने दयास मा कोरोउना क्यार टीका लागब शुरू होय जाई। इ खुशखबरी ते हम पंच खुश हन। ककुवा बोले- यूह बड़ा नीक हो जाई। मुँह पय अंगौछा बाँधे-बाँधे जीव ऊबि गवा हमार।
कासिम चचा ने विषय परिवर्तन करते हुए बताया कि नए कृषि कानून को लेकर विभिन्न राज्यों के किसानों ने 10 दिनों से दिल्ली को चारों तरफ से घेर रखा है। केंद्र सरकार किसान प्रतिनिधियों से कई बार वार्ता कर चुकी है, किंतु बात समझौते तक नहीं पहुंची। किसानों को विपक्षी दलों का पूरा समर्थन मिल रहा है। सब भारत बंद करने जा रहे। केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रुख छोड़ना ही होगा। सरकार को किसानों की जायज माँगों को मान लेनी चाहिए। तीनों कृषि बिलों में अपेक्षित सुधार कर देना चाहिए। किसान अपनी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं बिक्री को लेकर चिन्तित हैं। साथ ही, किसानों को ठेके पर खेती देने में दिक्कत है। किसानों को लगता है कि नए कानून की आड़ में उनकी जमीन पूंजीपति हड़प लेंगे।
इस पर बड़के दद्दा ने कहा- नए कृषि कानून में ऐसा कुछ नहीं है। विपक्षी दलों ने किसानों को बरगला दिया है। हरित क्रांति लाने वाले तीनों बिलों को लेकर राजनीति हो रही है। नए कानून में एमएसपी अथवा मंडी खत्म करने की कोई बात है ही नहीं। रही बात कांट्रेक्ट खेती की तो इसमें कोई व्यक्ति या कम्पनी किसान से जबरन जमीन तो लेगी नहीं। यह किसान की इच्छा पर निर्भर होगा कि वह जहां मन हो अपनी कृषि उपज बेचें। वह अपनी खेती खुद करे या किसी व्यक्ति अथवा कम्पनी को ठेके पर दे दे। केंद्र सरकार बार-बार किसानों के सामने स्थिति स्पष्ट की है। साथ ही, मोदी सरकार किसानों की चिंता दूर करने के लिए हर सम्भव कदम भी उठा रही है।
तभी चंदू बिटिया गुड़-सोंठ के लड्डू, गुनगुना नींबू पानी व कुल्हड़ वाली कड़क चाय लेकर हाजिर हो गयी। हमेशा की तरह चंदू बिटिया चबूतरे पर ट्रे रखकर फुर्र हो गई। हम सबने गुड़-सोंठ के स्वादिष्ट लड्डू खाकर गुनगुना पानी पीया। फिर अदरक-तुलसी-गुड़ से बनी कड़क चाय के साथ प्रपंच शुरू हुआ। चतुरी चाचा बोले- ककुवा अगला प्रपंच आपके मड़हा में होगा। प्रपंच के बाद हम लोगों को गोभी की गुझिया खिलाना होगा। ककुवा बोले- या बाति हमरे मनकी हय। अगले इतवार का आए जाव सब जने। हम सब जनेका भरपेट गोभी केरी गुझिया खवइब। हमार बहुरिया गोभी क गुझिया बनावैम इसपर्ट हय।
हमने बतकही में राजनीति का तड़का लगाते हुए बताया कि भाजपा में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का कद बढ़ता जा रहा है। इधर, विधानपरिषद के चुनाव व हैदराबाद नगर निगम चुनाव में योगी ने अपना लोहा मनवा दिया। यूपी में विधानपरिषद की शिक्षक व स्नातक सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की। हैदराबाद के नगर निगम में पहली बार भाजपा ने सभासद की इतनी तादाद में सीटें जीती हैं। वहां टीआरएस व मुस्लिम नेता ओवैसी की पार्टी को बड़ा झटका लगा है। उसके पहले बिहार के विधानसभा चुनाव और यूपी के विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। इसमें योगी की अहम भूमिका रही है।
अंत में चतुरी चाचा ने कोरोना अपडेट देने को कहा। हमने बताया कि विश्व में छह करोड़ 53 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें 15 लाख से अधिक लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसी तरह भारत में 96 लाख से अधिक लोग कोरोना के शिकार हो चुके हैं। इसमें करीब एक लाख 40 हजार लोगों की मौत हो गई। अंबेडकर जयंती और 6 दिसम्बर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने पर चर्चा के बाद आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाले साप्ताहिक प्रपंच को लेकर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम।
नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान