बैंकॉक। भारत की पाकिस्तान पर बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है। थाईलैंड की एक आपराधिक अदालत ने दाऊद इब्राहिम के गुर्गे मुन्ना झिंगड़ा को लेकर आदेश दिय़ा है कि वो पाकिस्तानी नहीं बल्कि भारत का नागरिक है। इसके बाद उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है।
थाईलैंड की अदालत ने
थाईलैंड की अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि, सैयद मुदस्सर हुसैन उर्फ ’मुन्ना झिंगड़ा’ भारतीय नागरिक है। ये कहते हुए अदालत ने उसे स्वदेश भेजने का आदेश दिया। मुन्ना झिंगड़ा फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट के सहारे बैंकॉक पहुंचा था। जहां वो दाऊद के सबसे बड़े दुश्मन छोटा राजन की हत्या की कोशिश के मामले में साल 2000 से जेल में बंद है।
झिंगड़ा का पिता मुदस्सर नुसैन का भी 1993 के मुंबई धमाकों से नाम जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि उसके संबंध आईएसआई से भी थे। इसी वजह से पाकिस्तान कूटनीतिक जरियों से भी उसकी सजा कम कराने की कोशिशों में जुटा हुआ था। इसी का नतीजा था कि पाकिस्तानी दूतावास दो बार उसे शाही क्षमादान दिलाने में कामयाब रहा और उसकी सजा घटकर 34 साल हो गई।
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