महान देशभक्तों व स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के स्मर्णन वर्तमान पीढ़ी कर्तव्य होता है। इससे समाज व राष्ट्र के प्रति सेवा का भाव जागृत होता है। इसके पहले योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से चौरी चौरा शताब्दी समारोह आयोजित किया गया था। इसके माध्यम से भी नई पीढ़ी अनेक अनछुए पहलुओं से अवगत हुई थी। इस प्रकार के प्रयास समाज में राष्ट्रीय विचारों का संचार करते है।
इसमें शिक्षण संस्थाओं की विशेष भूमिका है। पढ़ाई व डिग्री हासिल करना आवश्यक है। लेकिन समाज के प्रति दायित्व बोध के बिना शिक्षा अधूरी रहती है। जिम्मेदार नागरिक बनना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में विद्यार्थियों को जागृत करने के लिए समय समय पर इस प्रकार के आयोजन होना उचित है।
जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित किया,उनके विषय में विद्यार्थियों को जानकारी होनी चाहिए। ऐसे आयोजनों में विद्यार्थियों की भागेदारी रहनी चाहिए। उनमें यह विचार जागृत होने चाहिए कि शिक्षा प्राप्त कर केवल अपने हित की कल्पना नहीं करनी है। इससे आगे बढ़कर यह भी सोचना चाहिए कि वह समाज व देश के हित में क्या कर सकते है।
आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव।मनाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस कार्यक्रम का शुभारम्भ 12 मार्च को प्रधानमंत्री द्वारा किया जायेगा। जिसके क्रम में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े उत्तर प्रदेश के चार स्थलों काकोरी लखनऊ, शहीद स्मारक मेरठ, शहीद स्मारक बलिया तथा झांसी का किला पं दीनदयाल सभागार झांसी शामिल हैं।
इनमें आजादी के स्मरणोत्सव के रूप में अमृत महोत्सव का विशेष आयोजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री लखनऊ के काकोरी स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित होने वाले अमृत महोत्सव कार्यक्रम में स्वयं प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने अपने सरकारी आवास पर आहूत में इसके दृष्टिगत अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। कहा कि अमृत महोत्सव का आयोजन राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में किया जायेगा।